नेपाल में बारिश से बिहार की नदियों में बाढ़ का खतरा
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क
पटना: नेपाल में हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती क्षेत्र की नदियों का जलस्तर बढ़ा है। मधुबनी के झंझारपुर में एक सप्ताह में दूसरी बार कमला बलान नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। बुधवार देर शाम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। इससे पहले 20 जून को जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर हो गया था। गुरुवार सुबह आठ बजे के बाद पानी घटने लगा। 11 बजे तक जलस्तर में 30 सेंमी की कमी दर्ज की गई।पूर्वी चंपारण की लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर बना डायवर्सन गुरुवार दोपहर नदी के जलस्तर में वृद्धि से बह गया। डायवर्सन बहने से पूर्वी चम्पारण जिले का सीतामढ़ी जिले से घाट होकर सड़क सम्पर्क भंग हो गया है।पश्चिम चंपारण के गौनाहा में बहनेवाली पहाड़ी नदी हड़बोड़ा में जलस्तर बढ़ गया है। सीतामढ़ी जिले में बागमती और लालबकेया नदी का जलस्तर स्थिर है। सुप्पी के जमला में बागमती कटाव कर रही है।_
सुपौल में कोसी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से कटाव तेज
_कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को कमी हुई। नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण कटाव होने लगा है। वहीं कटिहार में महानंदा और खगड़िया में बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। अररिया में परमान, नूना और बकरा नदी के जलस्तर में कमी से लोगों को राहत मिली है।सुपौल जिले में कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार की सुबह से घटने की रफ्तार जारी रहा। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश थमने के बाद दोनों जगहों पर पानी में कमी हो रही है। मुख्य अभियंता कोसी ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में कमी हो रही है। वहीं किशनपुर प्रखंड की मौजहा-दुबियाही मुख्य सड़क पर कई जगह पानी का दबाव हो गया है।_
बागमती का जलस्तर बढ़ा, दो जगहों पर बहे चचरी पुल
_बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से मुजफ्फरपुर के मधुबन प्रताप घाट स्थित चचरी पुल व अतरार घाट स्थित चचरी पुल बह गये। बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा पर बने चचरी पुल से प्रखंड मुख्यालय जाने में लोगों को पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब कटौंझा या रून्नीसैदपुर होकर जाने में 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। वहीं, औराई उत्तरी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में 55 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी।चचरी पुल के बहने से बभनगामा पश्चिमी, हरणी, मधुबन प्रताप,बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खुर्द, राघोपुर, तरवन्ना, चैनपुर समेत एक दर्जन गांव व कस्बे के लोगों के लिए नाव ही सहारा है। सीओ गौतम कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर मे आंशिक वृद्धि हुई थी। पानी कम होने लगा है। दोनों घाटों पर सरकारी नाव का परिचालन शुरू करा दिया गया है। बागमती की मुख्य धारा आज भी सूखी हुई है, जबकि दक्षिणी उपधारा कटरा और गायघाट की ओर बह रही है। 17 साल से विस्थापित परिवार हर साल जून के अंतिम हफ्ते में बाढ़ के खतरे को भांपते हुए ऊंचे स्थान पर रिश्तेदारों के यहां या किराए का मकान लेकर रहने की व्यवस्था में लगे रहते हैं। आश्वासन के सहारे जी रहे विस्थापित परिवारों को अब तक पुनर्वास की जमीन नहीं मिली है।_
कटरा में पीपा पुल पर चढ़ा पानी
_कटरा में बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से बकुची स्थित नदी पर बने पीपा पुल पर करीब 20 फीट पानी चढ़ गया, जिस कारण घंटों आवागमन बाधित रहा। हालांकि पीपा पुल संचालक द्वारा शीघ्र ही आवागमन चालू कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि बागमती के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाता है।_