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बिहार में पिछले 5 वर्षों में डेटा खपत में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है- मुख्‍य सचिव अमृत लाल मीणा - श्रीनारद मीडिया

बिहार में पिछले 5 वर्षों में डेटा खपत में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है- मुख्‍य सचिव अमृत लाल मीणा

बिहार में पिछले 5 वर्षों में डेटा खपत में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है- मुख्‍य सचिव अमृत लाल मीणा

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2019 में करीब 6 करोड़ मोबाइल यूजर्स थे, जो बढ़कर करीब 7.25 करोड हो गया

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पिछले 5 वर्षों की तुलना में बिहार में डेटा खपत में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है. बिहार को कभी भारत के पिछड़े और बीमारू राज्यों में गिना जाता था. लेकिन आज हालात अलग हैं. बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बिहार के बारे में एक बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत काम हुआ है. रेल और सड़क से लेकर आम आदमी को सुविधा संपन्न बनाने वाली चीजों को भी लगातार विस्‍तार देने का काम किया जा रहा है.

7.25 करोड़ मोबाइल यूजर्स

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए राज्‍य के मुख्‍य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि राज्य में पिछले 5 वर्षों में डेटा खपत में 15 गुना की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा है कि अगर टेलीकॉम की बात की जाए तो 2019 में लगभग 6 करोड़ मोबाइल यूजर्स थे. अब लगभग 7.25 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं.

45,000 से ज्यादा मोबाइल टावर

2019 में प्रति महीने औसतन 1.67 गीगाबाइट डेटा का इस्तेमाल होता था. अब यह 27 गीगाबाइट है. मालूम हो कि इसी बिहार में 45,000 से ज्यादा मोबाइल टावर हैं. बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि सभी पंचायतें अब ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ चुकी हैं. दूर के इलाकों समेत सभी गांव जोड़े जा चुके हैं.

बुनियादी ढांचे पर ध्यान खास

बिहार सरकार में शीर्ष नौकरशाह अमृत लाल मीणा ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर ध्यान खास तौर पर केंद्रित किया जा रहा है और पिछले दो दशकों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारी निवेश किया गया है.

राज्य में पिछल 5 सालों में डेटा कंज्म्पशंन में 15 गुना बढ़त हुई है। साथ ही राज्य सरकार ने इंफ्रास्क्रचर के विकास, संपर्क में निवेश और रेल और रोड नेटवर्क के निर्माण को लेकर कई बड़े कदम उठाने की बात कही है।

बिहार ने इंफ्रास्क्रचर के विकास में अभूतपूर्व बढ़त देखी है। राज्य का रोड डेंसिटिविटी देश में तीसरे स्थान पर आता है जो बिजनेस और ट्रांसपोर्टेशन को सुविधाजनक बनाता है। इसका बिजली उत्पादन 700 मेगावाट से बढ़कर 7,000 मेगावाट हो गया है। राज्य में आईटी पार्क बनाए गए हैं और डेटा सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। बिहार सरकार में टॉप नौकरशाह मीणा ने कहा कि इंफ्रास्क्रचर पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और पिछले 2 दशकों में इंफ्रास्क्रचर के निर्माण में भारी निवेश किया गया है।

राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग में जबरदस्त बढ़त

उन्होंने कहा है कि अगर मैं सड़क क्षेत्र की बात करूं तो हमारे पास 1.2 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क है। इसे पिछले 20 सालों में बनाया गया है। हमारे पास राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों का एक बहुत मजबूत नेटवर्क है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले 10 सालों में राजमार्ग नेटवर्क, राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग दोनों में जबरदस्त बढ़त हुई है।

गैस डिस्ट्रीब्यूशन के दायरे में

राज्य सरकार ने पिछले साल के बजट में सिलीगड़ी से गोरखपुर, रक्सौल से हल्दिया, पटना-पूर्णिया तथा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे से राजगीर, बोधगया और दरभंगा तक 4 एक्सप्रेस राजमार्ग की घोषणा की थी। इसके अलावा वाराणसी-कोलकाता परियोजना भी जारी है, जिसका 153 किलोमीटर हिस्सा बिहार के चार जिलों से होकर गुजरता है। उन्होंने बताया कि गैस के मामले में बिहार में 1,700 किलोमीटर से ज्यादा लंबी गैस पाइपलाइन है। अब सभी 38 जिले शहरी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के दायरे में हैं। अब सभी इंडस्ट्री गैस आधारित उद्योग लगाने की योजना बना सकते हैं।

45,000 से ज्यादा मोबाइल टावर

उन्होंने साथ ही कहा है कि अगर मैं टेलीकॉम की बात करूं तो 2019 में करीब 6 करोड़ मोबाइल यूजर्स थे। अब करीब 7.25 करोड़ हैं। 2019 में प्रति महीने औसतन 1.67 गीगाबाइट डेटा का इस्तेमाल होता था। अब यह 27 गीगाबाइट है। इसी बिहार में 45,000 से ज्यादा मोबाइल टावर हैं।

इतने रुपये का लिया लोन

बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि सभी पंचायतें अब ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ चुकी हैं। दूर के इलाकों समेत सभी गांव जुड़ चुके हैं। 2005 में बिजली की खपत केवल 700-800 मेगावाट थी, इस साल राज्य में बिजली की खपत 8,000 मेगावाट तक पहुंच गई। वित्त पोषण पर उन्होंने कहा कि 2015 में वाणिज्यिक बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों यानी एमएसएमई को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट फ्लो मिलता था। 2023-24 में कमर्शियल बैंकों से एमएसएमई को 77,000 करोड़ रुपये का ऋण मिला।

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