5जी में तेजी से बढ़ेगी डेटा खपत,क्योंकी 2026 तक भारत में 33 करोड़ लोगों तक पहुंच जाएगा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में 5जी नेटवर्क (5G Network) की सुगबुगाहट इन दिनों तेज हो गई है. इसी हफ्ते देश की दो बड़ी कंपनियों- जियो और एयरटेल ने 5जी का ट्रायल किया. एयरटेल ने एरिक्सन के साथ जहां दिल्ली एनसीआर स्थित गुरुग्राम में 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग की, वहीं रिलायंस जियो ने मुंबई में इस तकनीक को टेस्ट किया.
भारत में लोगों के बीच 5जी को लेकर उत्सुकता बढ़ रही है. इस बीच दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एरिक्सन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2026 तक 33 करोड़ 5जी ग्राहक होने की उम्मीद है और इस दौरान प्रति स्मार्टफोन मासिक डेटा खपत तीन गुना बढ़कर 40 गीगाबाइट हो सकता है.
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत प्रति स्मार्टफोन औसत डेटा खपत के लिहाज से 14.6 जीबी प्रति माह के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया, भारत में 4जी ग्राहकों की संख्या 2020 में 68 करोड़ से बढ़कर 2026 में 83 करोड़ होने का अनुमान है. इसी तरह 2026 के अंत तक भारत के कुल मोबाइल ग्राहकों में 5जी की हिस्सेदारी करीब 26 प्रतिशत होगी.
एरिक्सन इंडिया के प्रमुख नितिन बंसल ने कहा कि कंपनी ने भारत में एक सर्वेक्षण में पाया कि भारत के बड़े शहरों में रहने वाले 42 प्रतिशत उपयोगकर्ता, जो घरेलू इंटरनेट कनेक्शन के रूप में 4जी का इस्तेमाल करते हैं, वे 5जी फिक्स्ड वायरलेस कनेक्शन का इस्तेमाल करने में दिलचस्पी रखते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में 50 प्रतिशत उपभोक्ता 5जी के लिए 50 प्रतिशत तक अधिक भुगतान करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें कई डिजिटल सेवाएं एक साथ मिलें. चार करोड़ उपयोगकर्ता ने कहा कि वे 5जी सेवा आने के पहले साल में ही इसे ले सकते हैं.
आपको बता दें कि टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Airtel) और टेक्नोलॉजी कंपनी एरिक्सन (Ericsson) ने इसी हफ्ते गुरुग्राम के साइबर हब में कंपनी का 5जी नेटवर्क ट्रायल किया. खबर के मुताबिक, 5G Network पर एक जीबीपीएस थ्रूपुट (डेटा ट्रांसफर की रेट) की स्पीड देखी गई.
बताया जा रहा है कि एयरटेल ने साइबर हब में अपने 5जी ट्रायल नेटवर्क की शुरुआत की और दूरसंचार विभाग के नियमों के मुताबिक ट्रायल की जगह पर 3500 मेगाहर्ट्ज रेडियो स्पेक्ट्रम बैंड का प्रयोग किया जा रहा है.
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) टेलीकॉम (telecom) सेक्टर में 4जी (4G) की ही तरह देश में 5जी (5G) क्रांति लाने जा रही है. रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने भारत में 5जी इकोसिस्टम (5G Ecosystem) को ज्यादा बेहतर और सबकी पहुंच में आनेवाला बनाने के लिए ‘क्रिटिकल एक्विपमेंट’ के स्थानीय निर्माण के लिए अमेरिकी चिपमेकर कंपनी क्वालकॉम (Qualcomm) टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी की है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि जियो डिजिटल प्लैटफॉर्म (Jio Platform) और स्वदेशी तरीके से विकसित अगली पीढ़ी की 5जी सेवाएं (5G Services) पेश करने की प्रक्रिया को गति दे रही है. भारत की ‘वैश्विक डिजिटल क्रांति’ में अग्रणी भूमिका निभाने का जिक्र करते हुए यह कहा गया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि जियो डिजिटल प्लैटफॉर्म और स्वदेशी तरीके से विकसित अगली पीढ़ी की 5जी सेवाएं पेश करने की प्रक्रिया को गति दे रही है. भारत के ‘वैश्विक डिजिटल क्रांति’ में अग्रणी भूमिका निभाने का जिक्र करते हुए यह कहा गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो ने अगले 30 करोड़ मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवा उपयोगकर्ताओं, जियो फाइबर का इस्तेमाल करने वाले पांच करोड़ घरों और पांच करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यापार इकाइयों के लिए पर्याप्त नेटवर्क क्षमता का निर्माण किया है.
कंपनी के चैयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने रिपोर्ट में कहा कि क्वालकॉम और जियो ने जियो भारत में 5जी निदान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. जियो 5जी निदान पर एक जीबीपीएस स्पीड का महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, जियो और क्वालकॉम ने जियो प्लैटफॉर्म्स की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी रेडिसिस कॉरपोरेशन के साथ मिलकर एक मुक्त और अंतर-संचालित इंटरफेस-अनुकूलन आधारित 5जी निदान का विकास किया है, जो वर्चुअलाइज्ड आरएएन (वीआरएएन) से लैस है. यह भारत में स्वदेशी 5जी नेटवर्क ढांचे और सेवाओं के विकास और उसे पेश करने की प्रक्रिया को तेज कर देगा.
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