बिहार में अब दाखिल खारिज के लिए नहीं लगाना होगा DCLR का चक्कर,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कैबिनेट मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज मामले में डिप्टी कलेक्टर लेंड रिफार्म आफिसर (डीसीएलआर) की कोर्ट को आॅनलाइन कर दिया है़ अब कोई भी व्यक्ति डीसीएलआर की कोर्ट जाये बिना ही अपने केस की जानकारी ले सकेगा़ यही नहीं, केस की सुनावाई की तारीख में गवाहों की मौजूदगी, किस तारीख पर भूमि सुधार उप समाहर्ता ने क्या आदेश दिया़ सुनवाई होने के बाद पारित अंतिम आदेश की कॉपी भी आनलाइन देखी जा सकेगी़
मंत्री रामसूरत कुमार रविवार को ” दाखिल खारिज अपील बाद मैनेजमेंट सिस्टम” सेवा को बिहार की जनता को समर्पित करने के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे़ मंत्री ने कहा कि म्यूटेशन (Land Mutation) को पूरी तरह आनलाइन कर दिया गया है़ इस प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मियों की जिम्मेदारी और समय तक को तय कर दिया है़ हर महीने म्यूटेशन में लगे कर्मियों की रैंकिंग भी विभाग द्वारा जारी की जा रही है़ इसी तरह डीसीएलआर आफिस (DCLR Office) और उनकी अदालत को भी जिम्मेदार बनाने की जरूरत थी़ अब भूमि सुधार उपसमाहर्ता और भी सजग होकर काम करेंगे़ निर्णयों में पारदर्शिता अधिक बरतेंगे़ डीसीएलआर कोर्ट में केस की सुनवाई पूरी होने का समय भी कम होगा़
इस तरह काम करेगा यह सिस्टम
” दाखिल खारिज (Dakhil Kharij) अपील बाद मैनेजमेंट सिस्टम” का लाभ उठाने के लिए आवेदक को म्यूटेशन मामले में अपना केस नंबर और अंचल अधिकारी के आदेश की छाया-प्रति के साथ भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय जाकर आवेदन देना होगा़ वहां मौजूद कंप्यूटर आपरेटर आवेदन की आनलाइन इंट्री करेगा़ आवेदक को उसकी पावती देगा़ इस पर आॅटो जेनरेटेड केस नंबर दर्ज होगा़ इस नंबर के आधार पर ही आवेदक आवेदन के बारे में घर बैठे जानकारी हासिल करेगा़ भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय में आवेदन की इंट्री होते ही संबंधित केस से संबंधित सारी जानकारी ऑटोमैटिक अंचल कार्यालय से स्थानांतरित होकर डीसीएलआर आफिस में चली जायेगी़.