फंदे से लटका मिला शव, शादी से इंकार किया तो अपहरण के बाद हत्या का आरोप
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड की देवघर पुलिस ने नंदन पहाड़ से सटे पुलिस लाइन के समीप एक कमरे से बिहार के बांका चांदन थाना क्षेत्र के झिंगाझाल गांव की एक 17 वर्षीय युवती का शव संदेहास्पद स्थिति में छत की कुंडी से लटका हुआ बरामद किया है. देवघर पुलिस ने शव को बरामद कर अंत्य परीक्षण के लिए भेजते हुए मामले की तहकीकात मे जुट गयी है.
हत्या की प्राथमिकी दर्ज
मौत मामले में देवघर पुलिस ने लड़की के पिता बिरनिया पंचायत के झींगाझाल निवासी प्रभाकर चौधरी के फर्द बयान पर जमुई जिला के मचनातरी गांव निवासी निरंजन मांझी व मंटू मांझी पिता नरेश मांझी के खिलाफ लड़की की हत्या कर दिए जाने की प्राथमिकी दर्ज कर मौत के सही कारणों की जांच कर रही है.
रूपा को उसका भाई पहुंचा कर लौटा था वापस
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिरनियां पंचायत के झिंगाझाल गांव की (17)वर्षीय रूपा कुमारी पिता प्रभाकर चौधरी को उसके भाई पंकज मांझी ने देवघर के बेलाबगान स्थित पढ़ाई के लिए कमरे पर पहुंचा कर जटाही लौट गया था. हलांकि इससे पूर्व देवघर कॉलेज के बीए पार्ट वन मे पढ़ने वाली रूपा कुमारी रांगामोड़ स्थित गली नंबर -3 में रहती थी.
अपहरण के बाद हत्या करने का आरोप
घटना को लेकर मृतक के पिता प्रभाकर मांझी ने निरंजन कुमार मांझी व मंटू मांझी पिता नरेश मांझी के खिलाफ अपहरण कर अपने घर ले जाकर हत्या कर देने और हत्या को आत्महत्या का रुप देने के लिए शव को छत की कुंडी से लटका देने का आरोप लगाते हुए देवघर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
तीन अरब रुपये के ठगी का आरोपित अरुणेश के घर पर की पूछताछ
नॉन बैंकिंग कंपनी इंडस वेयर इंड्रस्टीज लिमिटेड बनाकर देश के दस राज्यों के लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड पटना के अरुणेश सीता के घर पटना में सोमवार को वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी की है. यही नहीं आलमगंज थाना क्षेत्र और सीवान जिला में भी पुलिस पहुंची है. मिली जानकारी के अनुसार आलमगंज थाना में अरुणेश सीता के खिलाफ ठगी के दो मामले दर्ज हैं, जिसमें लाखों रुपये की ठगी की है.
सिवान में भी हुई उसके गिरोह की तलाश
सीवान के कई इलाको में भी पुलिस ने उसके गिरोह की तलाश में दबिश दी है. सादे लिबास में पहुंची पुलिस को देख स्थानीय लोगों ने पूछा कि आप किसको खोज रहे हैं. पुलिस ने जैसे ही अरुणेश सीता के घर मां जगदंबा निकेतन के बारे में पूछा तो लोगों ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया. पुलिस को कई और शातिरों के नाम, नंबर और पता मिला है. इनमें कई लोग अभी यूपी में ही रह रहे हैं और कई लोग बंगाल भाग गये.
आठ-दस साल पहले ही छोड़ चुका था घर
दरअसल पुलिस ने जब मकान के गेट को खटखटाया तो फर्स्ट फ्लोर के रेलिंग पर एक लड़का आया और पूछा कि आप किसे खोज रहे हैं. पुलिस ने जैसे ही उससे पूछा कि क्या यह अरुणेश सीता घर है, तो उसने कहा कि नहीं यह उनके पिता का घर है. पुलिस ने फिर कहा कि वह यहां रहते हैं या नहीं. इसके बाद वह वापस घर में चला गया. पुलिस ने दुबारा गेट खटखटाया, जिसके बाद हिमांशु नाम के लड़के ने मेन गेट खोला. पुलिस ने पूछा कि अरुणेश सीता कौन लगते हैं. हिमांशु ने पुलिस को बताया कि वह मेरे चाचा लगते हैं और आठ-दस सालों से वह यहां नहीं रहते हैं. उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
एसकेपुरी और बोरिंग रोड के कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी गयी पुलिस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीम ने एसकेपुरी और बोरिंग रोड के कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स पहुंची. वहां से पुलिस को कई अहम सबूत मिले हैं. बताया जा रहा है कि उसके और भी साथी हैं जो फिलहाल पटना में ही है. कंपनी के नाम पर कई लोगों से अब भी ठगी करते हैं. दो साल पहले भी यूपी पुलिस ने छापेमारी की थी. यही नहीं आलमगंज और सीवान से भी पुलिस आ चुकी है.
पैसा डबल करने के झांसा में फंस गये हैं पटना के कई लोग
वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में पता चला कि पटना के कई लोगों से पैसा डबल करने का झांस देकर ठगी कर चुका है. इस दौरान कई लोगों ने इसकी शिकायत थाने में भी दर्ज करायी है. सूत्रों ने बताया कि पटना में ठगी के शिकार हुए लोगों का पैसा का दबाव बढ़ने लगा तो वह बिहार छोड़कर फरार हो गया.