20 दिन पहले फैसला, 12 दिन की प्लानिंग, CM-शाह की मुलाकात और 8 मीटिंग्स के बाद एक्शन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक भाई अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन अमृतपाल’ तैयार किया। पुलिस ने 20 दिन पहले फैसला लिया कि अमृतपाल सिंह को पकड़ा जाएगा। फिर 12 दिन पूरी प्लानिंग में लगे। पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों के बीच 8 मीटिंग्स हुई और कल पुलिस ने इसे शुरू कर दिया। ऑपरेशन अमृतपाल को सिरे चढ़ाने के लिए टॉप अफसरों के साथ सरकार भी हर वक्त संपर्क में रही।
अमृतपाल क्यों निशाने पर आया
वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह की बयानबाजी को पहले सरकार तरजीह नहीं दे रही थी। अमृतपाल ने सरकार के खिलाफ बयानबाजी की। फिर 23 फरवरी को अमृतपाल ने साथियों के साथ अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया। इससे पंजाब पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। इससे सरकार भी सतर्क हो गई। जिसके बाद अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई का फैसला हुआ।
पहले साथियों की पहचान कर डबल तैयारी की : पंजाब पुलिस ने 20 दिन पहले फैसला लिया कि अमृतपाल पर एक्शन लेंगे। जिसमें सबसे बड़ी चुनौती उसके हथियारबंद समर्थक थे। पंजाब पुलिस ने इंटेलिजेंस की एक टीम बनाई। जिसके बाद अमृतपाल के साथियों को ट्रेस किया गया। अमृतपाल के काफिले में साथ रहने वाले हथियारबंद लोगों की पूरी रिपोर्ट तैयार की गई।
इसके आधार पर पंजाब पुलिस ने अपनी डबल तैयारी की। जिसमें हिंसा से निपटने के लिए वाटर कैनन, टियर गैस, एंटी रॉयट फोर्स और पंजाब आर्म्ड पुलिस को तैयार किया गया। हिंसा रोकने के लिए पुलिस को सेंट्रल फोर्स की भी जरूरत थी। यही वजह है कि पंजाब पुलिस ने पहले ही दिन अमृतपाल के साथ सभी हथियारबंद लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने कहा कि अमृतपाल की दोनों गाड़ियां, उनमें साथ चलने वाले हथियारबंद सभी लोग पकड़े जा चुके हैं।
CM भगवंत मान दिल्ली में शाह से मिले
पंजाब पुलिस की हिंसा रोकने की प्लानिंग के तहत फिर CM भगवंत मान दिल्ली पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उनके साथ हुई चर्चा के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों को पंजाब भेजने का फैसला हुआ। जिसके बाद 10 कंपनियां पंजाब पहुंच गई।
12 दिन पहले टॉप ऑफिशियल्स का मंथन : दिल्ली से सेंट्रल फोर्स मिलने के बाद पंजाब पुलिस के टॉप ऑफिशियल्स ने ऑपरेशन AP को अंजाम देने पर मंथन शुरू किया। इसमें चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, लॉ एंड ऑर्डर, इंटेलिजेंस चीफ, काउंटर इंटेलिजेंस के ADGP ने जॉइंट मीटिंग की। इनके बीच करीब 8 मीटिंग्स हुई। जिसके बाद ऑपरेशन को अंतिम रूप देकर 18 मार्च को अंजाम दे दिया गया।
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च क्यों चुना?
ऑपरेशन अमृतपाल को अंजाम देने के लिए पंजाब पुलिस ने 18 मार्च का ही दिन क्यों चुना, इसकी 2 बड़ी वजहें हैं। पहली… अमृतपाल का खालसा वहीर मुक्तसर में रोका गया था। इसे उसने 19 मार्च से फिर शुरू करना था। पुलिस अगर इससे पहले एक्शन न लेती तो फिर वहां बड़ी संख्या में समर्थक जमा होने से हालात बिगड़ सकते थे। इसलिए पुलिस के लिए 19 मार्च से अमृतपाल पर कार्रवाई करने की यह बड़ी वजह थी।
दूसरी वजह… पंजाब में G20 की मीटिंग चल रही थी। इसकी मुख्य मीटिंग अमृतसर में 17 मार्च को होनी थी। 17 मार्च को जैसे ही यह मीटिंग सफलतापूर्वक खत्म हुई तो पंजाब पुलिस ने अगले दिन एक्शन ले लिया। चूंकि अमृतसर ही अमृतपाल सिंह का मुख्य बेस है, इसलिए कार्रवाई के लिए 17 मार्च तक रुकने की यह बड़ी वजह बनी।
इन विवादित बयानों से चर्चा में रहा अमृतपाल
अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी। अमृतपाल ने कहा था कि इंदिरा गांधी ने सिखों को दबाया तो उसका हश्र क्या हुआ?। अमित शाह भी दबाकर देख लें। दूसरे बयान में अमृतपाल ने कहा था कि वह खुद को भारतीय नागरिक नहीं मानता। उसके पास इंडियन पासपोर्ट जरूर है लेकिन यह सिर्फ ट्रैवल डॉक्यूमेंट है।
पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश रविवार को दूसरे दिन भी जारी है। पंजाब पुलिस ने राज्य में उसे ढूंढने के लिए मेगा सर्च ऑपरेशन छेड़ा है। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल को शनिवार को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई थी मगर वह पुलिस को चकमा देकर निकल गया। उसकी गाड़ी नकोदर में खड़ी मिली।
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