उत्तराखंड में विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला,पुष्कर सिंह धामी ही होंगे मुख्यमंत्री.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे। सोमवार शाम को प्रदेश मुख्यालय में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को फिर से नेता चुना गया। 21 वर्ष की आयु के उत्तराखंड में यह पहला अवसर है, जब विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बावजूद किसी नेता को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। भाजपा विधायक दल के फिर नेता चुने गए कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजभवन पहुंचे। यहां राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया।
भाजपा ने पहले ही कर दी थी घोषणा
पुष्कर सिंह धामी तीसरी व चौथी विधानसभा में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक रहे, लेकिन इस बार यहीं से कांग्रेस के भुवन कापड़ी के हाथों वह सीट गंवा बैठे। भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सत्ता में आने की स्थिति में धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
पार्टी धामी के नेतृत्व में चुनाव में गई
पार्टी उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव में गई। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले धामी को मुख्यमंत्री के रूप में छह महीने का कार्यकाल मिला। यह उनकी बड़ी उपलब्धि रही कि पांच साल की एंटी इनकंबेंसी को दरकिनार कर वह भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में लाने में सफल रहे।
धामी सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्रीयह पहली बार हुआ कि जब उत्तराखंड में किसी दल को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर मिला। धामी उत्तराखंड में अब तक के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। धामी पिछले वर्ष चार जुलाई को तीरथ सिंह रावत के स्थान पर उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने थे।
विधायक दल की बैठक में लगी मुहर
सोमवार शाम पांच बजे भाजपा प्रदेश मुख्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी। धामी के नाम पर रखे गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के लिए विधायक और पार्टी नेता दोपहर से ही जुटना शुरू हो गए थे।
राजनाथ सिंह व मीनाक्षी लेखी रहे मौजूद
नए मुख्यमंत्री को लेकर समर्थक अपने नेताओं के नाम के कयास लगा रहे थे। केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी विधायक दल की बैठक में उपस्थित रहे। उत्तराखंड चुनाव प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, लोकसभा सदस्य अजय टम्टा, महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
भाजपा विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुख्यमंत्री पद के लिए मुहर लगी। बैठक में उत्तराखंड के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूद रहे।
पुष्कर सिंह धामी का प्रोफाइल
- जन्म तिथि- 16 सितंबर 1975
- जन्म स्थान- कनालीछीना, जिला पिथौरागढ़, उत्तराखंड
- कर्म स्थान- खटीमा, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
- शैक्षणिक योग्यता: स्नातकोत्तर (मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबध), एलएलबी
सामाजिक जीवन
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक , संघ आयु- 33 वर्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (10 वर्ष), कार्य क्षेत्र – उत्तर प्रदेश(लखनऊ विश्वविद्यालय) से प्रांतीय स्तर(अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्ता)
राजनीतिक जीवन
- प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड (लगातार दो बार 2002 से 2008 तक)
- विशेष कार्याधिकारी (मुख्यमंत्री,उत्तराखंड(2001-2002 )
- उपाध्यक्ष ,राज्यमंत्री (दर्जाप्राप्त) शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड (2010-2012 )
विधायक खटीमा
- प्रथम बार (2012 से 2017 )
- द्वितीय बार (2017-से 2022 )
प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा,उत्तराखंड
- प्रथम बार (2016 से 2020 तक)
- द्वितीय बार (2020 से अब तक )
सामाजिक व राजनीतिक उद्देश्य
- सीएम, चार जुलाई, से वर्तमान तक।
खटीमा से चुनाव हारे धामी
विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंह नगर जनपद की खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने करीब सात हजार वोटों से हराया। वहीं, पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला।
इंटरनेट मीडियो चल रही दोबारा सीएम बनाने की मांग
पुष्कर सिंह धामी ने आम लोगों के बीच अपनी अलग छवि बना ली थी। इसलिए विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने को लेकर इंटरनेट मीडिया में मांग होने लगी थी। यही सब कारण रहे जो सीएम पद के धामी के नाम पर मुहर लगी।
चुनाव में भाजपा को मिली 47 सीटें
उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को कुल 70 सीटों में से 47 सीटें मिलीं। वहीं, कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि बसपा को दो सीट और दो सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे।
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