दीवाली के दिन दिल्ली में फायर ब्रिगेड विभाग को मिलीं 318 कॉल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शाम 5 बजे से 1 नवंबर सुबह 5 बजे तक मिलीं ज्यादातर कॉल्स
अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि डीएफएस ने दीवाली के अवसर पर पूरे शहर में दमकल गाड़ियों और कर्मियों को तैनात करके अपनी तैयारियां बढ़ा दी थीं। उन्होंने बताया कि पिछले 13 वर्षों में इस बार सर्वाधिक कॉल्स प्राप्त हुई हैं।
अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां थीं रद्द
हमने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं और पूरे शहर में हर किसी की मदद के लिए तैयार थे। उन्होंने बताया कि शाम 4 बजे से रात 9 बजे के बीच आग की घटनाओं के बारे में कम से कम 78 कॉल मिलीं।
पिछले साल इसी समय के दौरान हमें 195 आग से संबंधित कॉल्स मिली थीं। इस दौरान एक जगह बस में आग लगने से दो लोगों के झुलसने के अलावा कहीं से भी कोई बड़ी घटना की खबर नहीं आई।
द्वारका के छावला इलाके में शाम लगभग साढ़े छह बजे एक बस में रखे पटाखों में आग लग जाने से बस में सवार दो लोग झुलस गए। अधिकारी ने बताया कि दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
318 में से आग से संबंधित 280 कॉल्स
अग्निशमन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 318 में से आग से संबंधित 280 कॉल्स मिली थीं। इसके अलावा आठ जानवरों के रेस्क्यू, छह पक्षियों के रेस्क्यू, रेस्क्यू टीम को आठ, सड़क दुर्घटना की एक, स्पेशल जाब की टीम को आठ, स्टैंड बाय की दो इसके अलावा पांच अन्य घटनाओं से संबंधित कॉल्स मिली थीं।
आग लगने की यहां हुईं बड़ी घटनाएं
अग्निशमन विभाग ने बताया कि दीवाली के दिन आग लगने की बड़ी घटनाओं में दोपहर तीन बजे कालकाजी से कॉल मिली, इसके बाद रात नौ बजे निर्माण विहार और रात तीन बजकर 19 मिनट पर मंगोलपुरी के यू ब्लाक से मिली। इन जगहों पर दमकल की अधिक गाड़ियों को भेजा गया जिसने जल्द ही आग पर काबू पा लिया। इसके अलावा सागरपुर थाना क्षेत्र में आत्महत्या की दो व दरियागंज में एक शिकायत मिली।
प्रतिबंध का नहीं दिखा कोई असर
रात भर पटाखे फोड़ने से दिल्ली में घना धुआं छा गया, जिससे गंभीर ध्वनि प्रदूषण हुआ और दृश्यता कम हो गई। इस बार दिल्लीवासियों ने पटाखों पर प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया। प्रदूषण में सालाना बढ़ोतरी से निपटने के प्रयास में, दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें साल पटाखों पर व्यापक प्रतिबंध लगाया था, जिसके तहत उनके निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई गई थी।
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