दिल्ली किसी की जागीर नहीं- ललन सिंह
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा बिहार-यूपी के लोगों पर की गई टिप्पणी के बाद सियासी पारा चढ़ गया है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से लेकर जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा तक बिहार के कई नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी केजरीवाल पर हमला बोला और शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि दिल्ली किसी की जागीर नहीं है.
दिल्ली किसी की जागीर नहीं : ललन सिंह
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने जो बयान दिया है, उससे उनकी हताशा स्पष्ट हो रही है. ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें अपनी हार का आभास हो गया है. दिल्ली देश की राजधानी है, किसी की जागीर नहीं. बिहार और यूपी के लोग यहां अपने सम्मान के साथ रहते हैं और केजरीवाल जी उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इस चुनाव में उनका यह रवैया उन्हें भारी पड़ेगा.’
अरविंद केजरीवाल का पूर्वांचल के लोगों से कोई सरोकार नहीं : ललन सिंह
ललन सिंह ने आगे कहा, ‘कोरोना काल में केजरीवाल जी ने जिस तरह से बिहार और यूपी के लोगों को बॉर्डर पार कर छोड़ा था, वह उनकी नीयत पर सवाल खड़े करता है. अब हाल ही में उनके द्वारा दिए गए बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि उनका पूर्वांचल के लोगों से कोई सरोकार नहीं है. उनकी राजनीति में दोहरे मापदंड दिखाई देते हैं एक जनता को दिखाने के लिए और दूसरा अपने हित साधने के लिए. उनका मुख्य उद्देश्य सत्ता में बने रहना और उसका लाभ उठाना प्रतीत होता है. जनता उनके इस दोहरे चरित्र को पहचान चुकी है और इसका असर चुनाव में जरूर दिखेगा.’
सम्राट चौधरी ने भी किया पलटवार
इधर, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बिहार और यूपी के लोगों का अपमान किया है. 13 साल से अरविंद केजरीवाल लोगों को गुमराह करते आ रहे हैं. बिहार यूपी के लोग जिनके साथ खड़े होते हैं उनका सौभाग्य होता है. इस चुनाव में बिहार और यूपी के लोग केजरीवाल को सत्ता से बाहर कर देंगे. केजरीवाल इस लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं. केजरीवाल रोहिंग्या को वोटर लिस्ट में शामिल कराना चाहते हैं. चुनाव आयोग को इस पर रोक लगानी चाहिए. बिहार के जो नेता अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं, उनसे भी लोग बदला लेंगे.
JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली में बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं.
इस पर संजय झा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल जैसे नेता को यह समझना चाहिए कि दिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के सहयोग से बना एक महानगर है. बिहार और यूपी के लोगों की मेहनत और योगदान के बिना दिल्ली की प्रगति संभव नहीं थी. उनके खिलाफ इस तरह का बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह उनके योगदान का भी अपमान है.”
बिहारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं, NDA की प्रतिक्रिया
संजय झा ने आगे कहा कि इस बयान से केजरीवाल की मानसिकता का पता चलता है. “जो नेता खुद को आम आदमी का प्रतिनिधि कहता है, वह किस तरह से मेहनतकश लोगों को निशाना बना सकता है? यह न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के लोगों का अपमान है.”
NDA के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. LJPR के नेता चिराग पासवान ने कहा, “अरविंद केजरीवाल का बयान एक असंवेदनशील राजनेता की सोच को दर्शाता है. बिहार और यूपी के लोग दिल्ली को अपनी मेहनत से संवारते हैं, और उनका अपमान करना जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.”
2025 का चुनाव, NDA की रणनीति
संजय झा ने यह भी स्पष्ट किया कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव जदयू पूरी तरह से NDA के साथ मिलकर लड़ेगी. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी का निर्णय अडिग है. NDA के साथ मिलकर हम बिहार की जनता के हितों के लिए काम कर रहे हैं और चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे.” महागठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा, “यह सवाल ही बेकार है. हमारा रुख स्पष्ट है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम एनडीए के साथ मजबूती से खड़े हैं.”
केजरीवाल के बयान से सियासी गलियारों में गर्मी
अरविंद केजरीवाल के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर एनडीए ने इसे बिहारियों और पूर्वांचल के लोगों का अपमान बताया है, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल की पार्टी अभी तक इस पर सफाई देने में असमर्थ नजर आ रही है.
बिहार और यूपी के लोगों को निशाना बनाते हुए दिए गए अरविंद केजरीवाल के बयान ने उन्हें सियासी विवादों के केंद्र में ला दिया है. एनडीए इसे आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बना सकता है। वहीं, दिल्ली की जनता पर भी इस बयान का गहरा असर पड़ने की संभावना है.
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