Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
परिसीमन 2026 में नहीं, 2031 कराया जाए - दक्षिण राज्य - श्रीनारद मीडिया

परिसीमन 2026 में नहीं, 2031 कराया जाए – दक्षिण राज्य

परिसीमन 2026 में नहीं, 2031 कराया जाए – दक्षिण राज्य

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संविधान में साफ लिखा है कि हर 10 वर्ष पर जनगणना होगी और उसके आंकड़ों के आधार पर हर 10 वर्ष में परिसीमन होगा और सीटें बढ़ेंगी। ऐसा 1951 में, 1961 में और 1971 में हुआ। फिर दक्षिण भारत के लोगों ने देखा कि हम लोग तो विकसित हो रहे हैं और अपनी जनसंख्या को स्थिर कर लिया है। वहीं उत्तर भारत में जनसंख्या बढ़ती जा रही है। जैसे यूपी की लोकसभा सीटें उसी समय बढ़कर 85 हो गई थीं।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत बताते हैं,  ”दक्षिण भारत के राज्यों ने कहा कि यह तो ठीक नहीं है। हम भी ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे तो देश बर्बाद होगा। उस समय पूरी दुनिया में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन की नीतियों पर जोर था। ऐसे में 1996 तक के लिए परिसीमन को फ्रीज किया गया कि 1996 तक सीटें नहीं बढ़ीं।”
फिर 2001 में भी तय किया गया कि 2026 तक सीटें नहीं बढ़ेंगी। उस समय भी यही कहा गया कि उत्तर भारत के राज्य अंधाधुंध जनसंख्या बढ़ा रहे हैं, ऐसे में परिसीमन होगा तो इन राज्यों की सीटें ज्यादा बढ़ेंगी। उस समय फिर परिसीमन को 25 वर्ष के लिए फ्रीज कर दिया गया।
उस समय यह माना गया था कि 2026 तक उत्तर भारत के राज्य जनसंख्या को स्थिर कर लेंगे, लेकिन अब भी ऐसा नहीं हुआ है। अब भी जनसंख्या उत्तर भारत के राज्यों में ही ज्यादा बढ़ रही है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत के मुताबिक, केरल का एक सांसद 18 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं राजस्थान का सांसद 33 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
दक्षिण भारत में अब जनसंख्या में वृद्धि दर नकारात्मक हो गई है। जैसे तमिलनाडु में जनसंख्या सालाना 0.02 प्रतिशत कम हो रही है। सरकार के एक मंत्री ने कहा कि अब 2021 वाली जनगणना होगी और इसके आधार पर 2026 में परिसीमन होगा। इसी के बाद से परिसीमन को लेकर विवाद पैदा हो गया है।

स्‍टालिन क्‍यों 2031 में परिसीमन कराने की कर रहे बात?

अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन कह रहे हैं कि अभी परिसीमन न करिये। 2031 के बाद परिसीमन करिए। तब तक हम भी थोड़ी जनसंख्या बढ़ा लेंगे। उनको लग रहा है कि अभी जनगणना होगी तो इसके आधार पर परिसीमन में उत्तर भारत के राज्यों की सीटें बढ़ जाएंगी।
अभी के हिसाब से देखें तो परिसीमन के बाद लोकसभा की करीब 200 सीटें बढ़ेंगी। मौजूदा समय में 543 सीटें हैं जो बढ़ कर 750 हो जाएंगी। इसमें से उत्तर भारत के राज्यों की सीटें 400 हो जाएंगी। दक्षिण भारत में इस समय लोकसभा सीटें 129 हैं। परिसीमन के बाद यहां ज्यादा से ज्यादा 10-11 सीटें बढ़ेंगी। जाहिर है उत्तर भारत के राज्यों को ज्यादा फायदा होगा।
बता दें कि यही वजह है – ज्‍यादातर दक्षिणी राज्‍यों के नेता अपने यहां आबादी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!