राज्यों में मिले डेल्टा प्लस के केस,क्या तीसरी लहर जल्द आएगी!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ते नजर आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो नये मामले 40 हजार के आसपास ही बने हुए हैं, जिनमें से आधे से अधिक मामले केरल और पूर्वोत्तर के राज्य से ही हैं. भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 38,628 नए मामले आए हैं जबकि 40,017 रिकवरी हुई है. इस दौरान 617 लोगों की कोरोना से मौत हुई. अब कोरोना के कुल मामले 3,18,95,385 हो चुके हैं. वहीं सक्रिय मामले 4,12,153 हैं. कोरोना संक्रमण से अबतक कुल मौत 4,27,371 हुई है.

इधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया कि केरल में दो अगस्त, 2021 तक जीका वायरस के 65 मामले देखने को मिले हैं. वहीं सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में चार अगस्त तक कोरोना के डेल्टा प्लस स्वरूप के 83 मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में इससे संबंधित लिखित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश में चार अगस्त तक कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के कुल 83 मामले सामने आये हैं. इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 33, मध्य प्रदेश में 11 और तमिलनाडु में 10 मामले हैं.

केरल में 19,948 नये मामले, 187 मरीजों की मौत : केरल में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 19,948 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,13,551 हो गयी जबकि 187 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की तादाद 17,515 पर पहुंच गयी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक केरल में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 19,480 मरीज संक्रमण मुक्त भी हुए, जिससे राज्य में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 33,17,314 हो गयी.

सबसे ज्यादा 48.9 करोड़ खुराक भारत में दी गई : इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में अभी तक कोरोना वैक्सीन की 50 करोड़ से ज्यादा खुराकें लोगों को दी गई हैं जिनमें से सबसे ज्यादा 48.9 करोड़ खुराक भारत में दी गई है. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व भारत क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जीवनरक्षक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की दिशा में देश अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने महामारी को शीघ्र नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखायी है.

वहीं भारतीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश भर में अब तक कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन की 49 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.

अभी तक भारत में कुल केस 3,18,12,114 पाए गए है. एक्टिव केस 4,11,076 है, कुल रिकवरी 3,09,74,748 हुई है. वहीं, मौत 4,26,290 हो चुकी है. जबकि, 48,93,42,295 लोगों को वैक्सीन दिया जा चुका है.

पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में सर्वाधिक कोरोना के मामले सामने आए है. 6126 नए केस मिले है. यहां 72,810 एक्टिव केस है. जबकि, केरल में कोरोना के बुधवार तक नए मामले 22414 आए है. यहां अबतक कुल संक्रमित केस 34,71,563 हो गया है. 108 और मौत यहां होने के बाद मामला बढ़कर 17,211 हो गया है. केरल और महाराष्ट्र में जिस तरह से मामले बढ़ रहे है. विशेषज्ञ चिंता में है कि कहीं ये थर्ड वेब का संकेत तो नहीं.

केरल में हर सप्ताह बढ़ा मामला

25 और 31 जुलाई के बीच, केरल में प्रति सप्ताह हर 10 लाख लोगों पर 24 मौतें हुई है. जबकि, महाराष्ट्र 12 मौत के दूसरे स्थान पर रहा. वहीं, ओडिशा 9 मौतों के साथ तीसरे नंबर पर है. वहीं, औसतन रूप से भारत की बात की जाए तो प्रति सप्ताह लगभग 2 मौतें प्रति 10 लाख लोगों पर हो रही है.

केरल में कोरोना से मौत के मामले में मई की तुलना में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखी गयी है. 15 मई तक यहां मृत्यु दर 0.3 प्रतिशत था जो जुलाई 31 तक बढ़कर 0.49 प्रतिशत हो गया है. अंग्रेजी वेवसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इसकी जानकारी डॉ. पद्मान्भा शेह्नॉय ने दी है. डॉ. पद्मान्भा कोविड मृत्यु दर के मामलों को बारिकी से साप्ताहिक तौर पर अध्ययन कर रहे हैं.

आपको बता दें कि सोमवार को केरल में सर्वाधिक मौत के मामले मिले है. केरल में उस दिन भारत में हुए कुल डेथ (420) का 28 प्रतिशत यानी 118 मामले सामने आया. वहीं, मंगलवार को महाराष्ट्र में कुल 177 डेथ का आंकड़ा केरल को पीछे छोड‍़ दिया. केरल में 148 मामले मंगलवार को सामने आए.

हेल्थ मामले के जानकार रिजो एम जॉन ने केरल में लगातार बढ़ रहे कोरोना से मौत के मामले को चिंता का विषय बताया है. उन्होंने बताया कि केरल में कोरोना के पहले वेब में इतने मामले सामने नहीं आ रहे थे, जितने दूसरे वेब में आ रहे है.

पिछले कुछ दिनों से केरल के मामले भारत के कुल मामलों का 50 प्रतिशत से अधिक रह रहा है. इंटरनल मेडिसीन एक्सपर्ट, डॉक्टर अरूण एनएम के मुताबिक, जब ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और वैक्सीनेशन की कमी से देशभर में मौतें हो रही थी तो केरल राज्य इसे कंट्रोल करने में सक्षम रहा था.

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