विधानसभा में बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति पर कानूनी कार्रवाई की मांग
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
विधानसभा में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है । यह मांग पी – एच. डी. पात्रता परीक्षा में पिछड़ी जाति के छात्रों से अधिक शुल्क लेने के कारण हुई है । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पिछड़ी जातियों और ई. डब्ल्यू. एस. के छात्रों से एक समान शुल्क लेता है परंतु
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में पिछड़ी जातियों से तीन हजार और ई.डब्ल्यू.एस. के छात्रों से दो हजार शुल्क रखा है । इस भेदभाव के खिलाफ भाकपा ( माले )के विधायक अजीत कुमार सिंह ने प्रश्न किया था । उन्होंने कहा है कि हाल में जाति आधारित गणना से यह स्पष्ट हो गया है कि पिछड़ी जातियों की आर्थिक दशा ऊंची जातियों की आर्थिक दशा से अधिक खराब है । इसलिए पिछड़ी जातियों से अधिक शुल्क लेने का कोई औचित्य नहीं है । पिछड़ी जातियों को नि:शुल्क परीक्षा में बैठने दिया जाना चाहिए।
विधानसभा में सरकार ने
बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के हवाले से लिखित उत्तर में कहा है कि निर्धारित आवेदन शुल्क की समीक्षा की जा रही है एवं नामांकन समिति की अगली बैठक में प्रस्ताव के समीक्षोपरान्त आवश्यक यथोचित कारवाई की जाएगी एवं आवेदन शुल्क पर यथाशीघ्र निर्णय लिया जाएगा ।
विश्वविद्यालय के उत्तर पर असंतोष व्यक्त करते हुए विधायक डॉ.अजीत कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का जवाब गुमराह करने वाला है । इसमें स्पष्ट कुछ नहीं कहा गया है। बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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