वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की उठी मांग
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को वीवीपैट पर्चियों (vvpat slips) से संबंधित एक मामले की सुनवाई की, जिसमें वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की गई थी। कोर्ट ने मामले में चुनाव आयोग (election Commission) और केंद्र से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि वर्तमान परिस्थितियों में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से किसी भी पांच चयनित ईवीएम का सत्यापन किया जाता है। दरअसल, वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देता है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपैट के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है।
आयोग और केंद्र सरकार को जारी किया गया नोटिस
इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है। जस्टिस बीआर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है।
सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है याचिका
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की याचिका पर चुनाव आयोग (ईसी) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया, जिसे 17 मई को सुनवाई के लिए तय किया जा सकता है। मामले में अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन और वकील नेहा राठी अदालत के समक्ष पेश हुए थे।
अब जानिए, याचिका में क्या कहा गया है
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यदि वीवीपैट पार्चियों का एक साथ सत्यापन किया जाता है तो प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारी तैनात करने होंगे और पूरा सत्यापन पांच से छह घंटे में किया जा सकता है। याचिका में बताया कि सरकार ने 24 लाख वीवीपैट खरीदे हैं, जिसमें लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, बावजूद इसके करीब 20 हजार वीवीपैट की पर्चियां ही सत्यापित हो सकती हैं। बता दें, आठ अप्रैल 2019 को शीर्ष अदालत ने प्रत्येक लोकसभा में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से गुजरने वाली ईवीएम की संख्या को एक से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।
लोकसभा का कार्यक्रम
पहला चरण: 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर मतदान होगा।
दूसरे चरण: 26 अप्रैल को 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीट पर मतदान होगा।
तीसरा चरण: सात मई को 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 94 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।
चौथा चरण: 13 मई को 10 राज्यों के 96 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।
पांचवां चरण: 20 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीट पर मतदान होगा।
छठा चरण: 25 मई को सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीट पर मतदान होगा।
सातवां चरण: एक जून को आठ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीट पर मतदान होगा।
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