भारत के लिए लोकतंत्र केवल “एक व्यवस्था नहीं, विचार है”-पीएम मोदी.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को टेलीविजन चैनल संसद टीवी की शुरुआत की. इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका भी तेजी से बदल रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है. आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है. भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है. उन्होंने कहा, भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है.

पीएम मोदी ने कहा, मेरा अनुभव है कि कन्टेंट इज कनेक्ट. यानी जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा, तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं. ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है! क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है. प्रधानमंत्री ने कहा, 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है. ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है, तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है. हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है.

वहीं, संसद टीवी के उद्घाटन कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि हम दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में से एक हैं. ये घटना प्रतीकात्मक रूप से लोकतांत्रिक सरकार में मीडिया के महत्व को उजागर करती है.

 

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