वर्ष 2025 तक जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध: सिविल सर्जन

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• विश्व टीबी दिवस के अवसर पर वीडियो कन्फ्रेंसिंग का आयोजन
• टीबी उन्मूलन में जन-भागीदारी बहुत जरूरी
• टीबी का लक्षण दिखे तो जांच अवश्य कराएं

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार )

छपरा जिले में “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” अभियान के तहत विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया गया । इस मौके पर सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार की अध्यक्षता में वीडियो कन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य स्तर से स्वास्थ्य मंत्री व कार्यपालक निदेशक के संदेशों को सुना गया। विश्व टीबी दिवस, हर वर्ष एक विशेष थीम के साथ आयोजित किया जाता है एवं वर्ष 2021 के लिए थीम ‘द क्लॉक इज टिकिंग’ है। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा वर्ष 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त कराया जाएगा। इसे लेकर विभाग प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा टीबी के क्षेत्र में बढ़िया काम हुआ है। पहले के मुकाबले मृत्यु दर में काफी कमी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले में टीबी पर काबू पा लिया जाएगा। कहा टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बहुत ही जरूरी है। अगर लोग सहयोग करें तो यह बीमारी समय से पहले खत्म हो सकती है।

टीबी का लक्षण दिखे तो जांच आवश्यक कराएं:
सीएस डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने कहा टीबी का हल्का सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं। जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको मुफ्त में दवा मिलेगी। साथ में भोजन के लिए भी पैसे मिलेंगे। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज की व्यवस्था है। इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं।

टीबी के मरीजों से नहीं करें भेदभाव:
सिविल सर्जन ने कहा टीबी अब छुआछूत की बीमारी नहीं रही। इसे लेकर लोगों को अपना भ्रम तोड़ना होगा। टीबी का मरीज दिखे तो उससे दूरी बनाने के बजाय उसे इलाज के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी और जागरूकता बढ़ने से इस बीमारी पर जल्द काबू पा लिया जाएगा। ऐसा करने से कई और लोग भी इस अभियान में जुड़ेंगे और धीरे-धीरे टीबी समाप्त हो जाएगी । इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डीएस डॉ. रामइकबाल प्रसाद, प्रभारी सीडीओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार के डीसी गनपत आर्यन, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद यक्ष्मा विभाग के अन्य कर्मी मौजूद थे।

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