विद्यार्थियों के साथ आईएएस बनने के अनुभवों को उपायुक्त नेहा सिंह ने किया सांझा
उपायुक्त नेहा सिंह ने बच्चों को दिया अनुशासन में रहकर आगे बढ़ने का संदेश
विद्यार्थियों को शिक्षा,खेल, कला, अभिनय जैसे क्षेत्रों के लिए निर्धारित करना चाहिए लक्ष्य
उपायुक्त नेहा सिंह ने स्कूली विद्यार्थियों से की मन की बात सांझा
श्रीनारद मीडिया, वैध पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
कुरुक्षेत्र में पांचवी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के साथ संघर्ष कर आईएएस बनने के अनुभवों को उपायुक्त नेहा सिंह ने साझा किया। इन नन्हें-नन्हें विद्यार्थियों के साथ करीब 10 मिनट ना केवल अपने मन की बात को साझा किया अपितु एक-एक विद्यार्थी से भी उनकी मन की बात को जानने का प्रयास किया। जब उपायुक्त नेहा सिंह विद्यार्थियों के साथ सीधा संवाद कर रही थी तो हर विद्यार्थी टक-टकी लगाकर और अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करके उपायुक्त को सुन रहा था। इस वार्तालाप से विद्यार्थियों के चेहरों पर उत्साह, जोश, लग्न और भविष्य के लक्ष्य को निर्धारित करने की चमक साफ नजर आ रही थी।
उपायुक्त नेहा सिंह ने सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ मन की बात को साझा किया। यहां पर उपायुक्त नेहा सिंह ने सबसे पहले पांचवी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों से परिचय किया और अपना परिचय भी दिया। इस कार्यक्रम में उपायुक्त नेहा सिंह ने करीब 10 मिनट विद्यार्थियों के साथ अपनी आईएएस बनने के अनुभवों के साथ-साथ विद्यार्थियों के मन की बात को टटोलने का काम किया।
उपायुक्त ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि अनुशासन की सीढ़ी पर चढ़कर कोई भी विद्यार्थी अपने हर लक्ष्य को हासिल कर सकता है, अगर इस सीढ़ी पर चढते हुए कहीं भी अनुशासन में कमी रही तो लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दिनों में विद्यार्थियों को खूब मेहनत और लगन से तैयारी करनी चाहिए। इस तैयारी के लिए विद्यार्थियों को अपना 100 फीसदी ध्यान केवल परीक्षा की तैयारी में लाना चाहिए, जो विद्यार्थी पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देगा वह निश्चित ही अच्छे अंक हासिल करेगा। प्रत्येक विद्यार्थी के लिए शिक्षा के क्षेत्र में मुकाम हासिल करना सहज नहीं रहता, इसलिए विद्यार्थी को खेलों, अभिनय, कला और अन्य क्षेत्रों में भी मुकाम हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। इन क्षेत्रों में भी विद्यार्थी देश का नाम पूरे विश्व में रोशन कर सकता है। इसलिए विद्यार्थी को सिर्फ मेहनत और लगन करने की जरूरत है और अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के अथक प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों, अपने गुरुजनों को पूरा मान-सम्मान करना चाहिए और स्कूल में पूरी गंभीरता के साथ अपना अध्यापन का कार्य करना चाहिए। विद्यार्थी को मोबाइल, इंटरनेट जैसी सोशल साइट का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। आज अधिकतर विद्यार्थी सोशल साइट पर अपना ज्यादातर समय व्यतीत कर रहे है। यह उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं है। विद्यार्थियों को केवल सोशल साइट का सदुपयोग करना चाहिए और ज्ञानवर्धन के लिए ही इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए। विद्यार्थी को अधिकतर समय पढ़ने, खेलने और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों पर व्यतीत करना चाहिए।
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