नम आँखों से भक्तों ने दी मां दुर्गा को विदाई
कोइरीगांवा के कलाकारों ने किया नाटक का सफल मंचन
श्रीनारद मीडिया ,ए. मिश्रा, बड़हरिया, सीवान
सीवान जिला के गोरेयाकोठी प्रखंड के जामो बाजार में भक्तो ने नम आँखों से मां दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को विदाई दी।
सोमवार को सुबह से ही माँ दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए तैयारियां चल रही थीं। इस दौरान पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया। इस दौरान विदाई गीत ‘हमनी के छोड़ के नगरिया नु हो कहवां जईबू ये माई आदि गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सुबह से महिलाओं ने माँ दुर्गा को खोइचा में चावल और अन्य सामग्री देकथ खोंइचा भरा। थानाध्यक्ष ध्रुव प्रसाद सिंह द्वारा शान्तिपूर्ण वातावरण में मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित कराने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।
दोपहर के बाद से सभी अखाड़ों ने बारी-बारी से माँ दुर्गा की प्रतिमा सहित अन्य प्रतिमाओं को ट्रैक्टर पर रख कर गाजे-बाजे और जुलूस के साथ पूरे बाजार में भ्रमण कर माँ दुर्गा के जयकारे के साथ सभी लाइसेंसधारी अखाड़ों ने से माँ दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया।
अखाड़ा नम्बर एक गुप्ता दल, अखाड़ा नम्बर दो जय मां काली बजरंग दल, अखाड़ा नम्बर तीन महाकाल दल पश्चिम टोला, अखाड़ा नम्बर चार मां दुर्गा नवयुवक दल जामो पोखरा आदि इत्यादि ने बारी बारी से अपनी-अपनी अखाड़ों की देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया।
इस दौरान अखाड़ा नम्बर दो और तीन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कम्पटीशन हुआ। जिसमें अखाड़ा नम्बर तीन प्रथम स्थान हासिल किया। बतौर पुरस्कार साईकिल देकर सम्मानित किया गया। दूसरे स्थान पर रहने वाले अखाड़ा नम्बर दो को कप देकर सम्मानित किया गया। 10 दिनों चले आ रहे दशहरा मेला का समापन शांति और सौहार्द के माहौल में संपन्न हो गया।
कोइरीगांवा के कलाकारों ने किया नाटक का सफल मंचन
ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी नाटक का मंचन काफी लोकप्रिय है। पूजा और अन्य त्योहारों के मौके पर गांव में नाटक मंचन की पुरानी और समृद्ध परंपरा रही है । बदलते दौर में अब यह परंपरा सिमटती-सिकुड़ती नजर आ रही है। लेकिन सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के कोइरीगांवा के युवा कलाकारों ने इस सांस्कृतिक परंपरा को संभाल कर रखा है।दशहरा के मौके पर आयोजित होने वाल इस परंपरा को कायम रखने का भरसक प्रयास किया जा रहा है ।
दशकों से चली आ रही इसी परंपरा के तहत कोइरीगांवा गांव स्थित कोइरीगांवा पुस्तकालय के प्रांगण में युवा कलाकारों और अनुभवी कलाकारों द्वारा ‘घर-संसार’ नामक सामाजिक नाटक का सफल मंचन किया गया है । बुधवार की रात में निर्देशक नीतेश कुमार गिरि के निर्देशन में आयोजित नाटक में ग्रामीण कलाकारों द्वारा घर-परिणाम के बनने और बिखरकर फिर संभलने की कहानी को मंचित किया। तीन भाई धनराज(वकील प्रसाद) और छोटा भाई केतन(भारद्वाज कुशवाहा) अपने मझौले भाई चंदन कुमार(रमेश वर्मा) की पढ़ाई में अपना मकान सेठ मेवालाल(कल्याण वर्मा) के हाथों बंधक रख देता है। लेकिन चंदन को नौकरी मिलने पर शादी होती है तो अपनी पत्नी के बहकावे में आकर भाइयों से अलग हो जाता है।
इधर सेठ मेवालाल और उसके बेटे रवि कुमार की टेड़ी नजर धनराज के मकान पर हो जाती है। वे धनराज को मकान से बेदखल करने का कुचक्र रचने लगते हैं और कामयाब भी हो जाते हैं। धनराज भाई चंदन की बेरुखी और मकान से बेदखल होने से टूट जाता है और छोटा भाई केतन घर छोड़कर चला गया होता है। लेकिन निर्देशक नीतेश कुमार ने नाटक को सुखांत बनाते हुए तीन भाइयों को मिला देते हैं और फिर पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है।
दर्शकों की आंखों पर ठहरे आंसू गिरने से बच जाते हैं। सूत्राधार की भूमिका रीतेश कुमार ने निभायी। नाटक मंचन के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि अश्विनी कुमार ने पुराने कलाकारों कल्याण वर्मा, वकील प्रसाद और रमेश कुशवाहा को अंगवस्त्र, मेडल आदि से सम्मानित किया। इस मौके पर पैक्स अध्यक्ष विद्या प्रसाद कुशवाहा, कृष्णा भगत, श्रीपति प्रसाद,सुशील राठौर, सोनू कुशवाहा सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।
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