बड़हरिया में शिव-पार्वती कथा सुनकर हर्षित हुए श्रद्धालु
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के बड़हरिया पुरानी बाजार में नवनिर्मित शिव मंदिर और विश्वकर्मा मंदिर में शिव परिवार और विश्वकर्मा भगवान मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के तत्वावधान में आयोजित ज्ञानयज्ञ के दौरान अंतरराष्ट्रीय कथावाचक आयुष जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविह्वल कर दिया।
कथा वाचक आयुष जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग बताते हुए कहा कि जब सती के विरह में भगवान शंकर की दशा दयनीय हो गई, तो सती ने भी संकल्प के अनुसार राजा हिमालय के घर पर्वतराज की पुत्री होने पर पार्वती के रुप में जन्म लिया। पार्वती जब बड़ी हुईं तो हिमालय को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। एक दिन देवर्षि नारद हिमालय के महल पहुंचे और पार्वती को देखकर उन्हें भगवान शिव के योग्य बताया।
इसके बाद सारी प्रक्रिया शुरु तो हो गई, लेकिन शिव अब भी सती के विरह में ही रहे। ऐसे में शिव को पार्वती के प्रति अनुरक्त करने कामदेव को उनके पास भेजा गया, लेकिन वे भी शिव को विचलित नहीं कर सके और उनकी क्रोध की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए। इसके बाद वे कैलाश पर्वत चले गए। तीन हजार सालों तक उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की।
इसके बाद भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ। उन्होंने भगवान शंकर के विवाह में भूत -पिशाच,सांप,बिच्छुओं के झुंड आदि की बरात का बखान कर श्रोताओं को रोमांचित कर दिया। इस मौके पर ज्ञानमंच का संचालन किशोर श्रीवास्तव ने किया।
इस मौके पर महंत श्रीभगवान दास जी महाराज,महायज्ञ समिति अध्यक्ष रघुनाथ शर्मा, सचिव तारकेश्वर शर्मा, कोषाध्यक्ष सुनील चंद्रवंशी, देवनारायण राम,केशव महतो, राजेश सिंह, धर्मनाथ सिंह,महेश शर्मा,रामनारायण चौरसिया, बबन साह,विजय साह,राकेश शर्मा, राजेश शर्मा, मनोजसोनी,अशोक शर्मा,शैलेश शर्मा सहित बड़ी संख्या श्रद्धालु उपस्थित थे।
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