29 अक्टूबर मंगलवार को धनवंतरी जयंती एवं  धनतेरस मनायी जाएगी

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श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):

धनवंतरी जयंती एवं धन त्रयोदशी (धनतेरस) 29 अक्टूबर मंगलवार को प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी तिथि में सम्पन्न होगी।
यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती हैं। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा।

धनतेरस को धनत्रयोदशी या धनवंतरी त्रयोदशी भी कहा जाता हैं। “धनतेरस” शब्द की उत्पति दो शब्दों से मिलकर हुई हैं ‘धन’ और ‘तेरस’ यानि धन का तेरह गुना होना।

धनतेरस रोशनी, उमंग और खुशियों के पर्व दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है। पांच दिवसीय पर्व दीपावली का प्रथम दिन होता हैं।

पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा के साथ – साथ धन धान्य की देवी मां लक्ष्मी, गणेश और धन के देव कुबेर की इस दिन पूजा करने से धन में वृद्धि होती हैं। सुख समृद्धि एवं वैभवपूर्ण जीवन की कामना के लिए धनतेरस का दिन श्रेष्ठ होता हैं।

गोधूली वेला शाम में भी खरीदारी की जा सकती हैं

धनतेरस के दिन क्या खरीदे –

सोने या चांदी, लक्ष्मी – गणेश की प्रतिमा, पीतल के बर्तन, खरीदना बेहद शुभ माना जाता हैं।

झाडू खरीदने से आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता हैं।

साबुत धनियां, इन सभी चीजों को घर लाने से व्यक्ति पर भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती हैं।

पूजन का मुहूर्त –

धन ऐश्वर्य में वृद्धि की कामना से संध्या के समय शुभ मुहूर्त में आज महालक्ष्मी की विधिवत् पूजन स्थिर लग्न वृष में शाम 6:19 से 8:15 के मध्य किया जायेगा। मां लक्ष्मी को मखाने और दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
कुबेर देवता को सफेद मिठाई और धनवंतरी देव को पीली मिठाई प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।

धनतेरस के दिन अकाल मृत्यु से बचने के लिए यम देवता की पूजा की जाती है। यम दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं जाते हैं इसे ही यम दीप कहा जाता है इस दिन यम दीपक जलने से यमदेव प्रसन्न होते है और समस्त परिवार को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता हैं।

मास शिवरात्रि – 30 अक्टूबर बुधवार को होगा  और हनुमत जयंती – 30 अक्टूबर बुधवार को सायं मेष लग्न में हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा।

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