*संत पार्श्वनाथ की जन्मभूमि वाराणसी में हुआ धर्मसभा का आयोजन, 62 फुट ऊंचे मानस्तंभ का जैन भक्तों ने किया मस्तकाभिषेक*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / श्री दिगंबर जैन समाज कशी के तत्वावधान में भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ की जन्मस्थली जैन मंदिर में बुधवार को संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर महाराज ने धर्मसंघ व भावना -योग के कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों को भावना का प्रभाव कैसे होता है, बदलाव वृत्ति और प्रवृत्ति का, मन की शक्ति, मन की तरंगे, मन को मनाने की कला जैसी सारी क्रियाएं करवाई।पार्श्वनाथ जन्मभूमि में लगभग 62 फुट ऊंचे मानस्तंभ में विराजित पार्श्वनाथ की प्रतिमा को लगभग 20 वर्षों बाद संगीत एवं मंत्र उच्चारण के साथ महा मस्तकाभिषेक स्थानीय एवं देश भर से आए भक्तों ने मुनि श्री के सानिध्य में 108 कलशों से करवाया गया। मध्य प्रदेश से आये गीतकार व संगीतकारों ने जन्मस्थली को भजन कीर्तन से भक्तिमय बना दिया।उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय अतिथि मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने धर्मोंपदेश में भक्तों से कहा कि “स्वयं की दृष्टि को एकात्मक नहीं अनेकात्मक दृष्टि बनाए। बड़ी-बड़ी बातें नहीं, बड़े-बड़े काम करने में समय लगाना चाहिए। बढ़िया सोच वाले ही अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।मुनि श्री ने ने कहा कि कल्पना के आकाश में उड़ना है तो उड़िए पर यथार्थ के धरातल को मत भूलिए। मुनि श्री ने भगवान पार्श्वनाथ के संदर्भ में उनके जीवन से लेकर मोक्ष तक की बातें बताई। उन्होंने कहा -जीवन में महान बनने के लिए पुण्य का होना बहुत जरूरी है। पुण्यशाली जीव ही मोक्ष आदि गतियों को प्राप्त कर सकता है।देश के कोने-कोने से भक्तगण मुनि श्री से आशीर्वाद लेने पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पहुंचे। कांग्रेस नेता अजय राय भी मुनि श्री का आशीर्वाद प्राप्त करने मंदिर पहुंचे। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मचारी विमल बाबा एवं डॉ कमलेश जैन शास्त्री ने किया। अतिथियों का स्वागत अध्यक्ष दीपक जैन ने किया। आयोजन में प्रमुख सहभागिता उपाध्यक्ष राजेश जैन,विनोद जैन, सौरभ जैन, तरुण जैन, अरुण जैन की रही। बता दें सत्य, हिंसा की स्थापना के लिए पूरे भारत की पदयात्रा करने निकले दिगंबर जैन मुनियों का काफिला सोमवार की सुबह काशी पहुंचा है। यहां संतों का यह जमावड़ा चार दिनों तक प्रवास करते हुए राष्ट्रीय स्तर के धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करेगा। इसमें भाग लेने के लिए पूरे देश से श्रद्धालु पहले ही पहुंच चुके हैं। वाराणसी में आज कार्यक्रम के समापन के बाद मुनि श्री रामनगर के कटेसर के पंचायती भवन में रात्रि विश्राम करते हुए गुरुवार को मुगलसराय की ओर प्रस्थान करेंगे। मुनि श्री (ससंघ) पदयात्रा करते हुए 31 मार्च तक सम्मेद शिखरजी (पारसनाथ पहाड़) झारखंड पहुंचेंगे। रास्ते भर व धर्म प्रभावना एवं मानव को जीवन सुधारने का रास्ता, शंका समाधान, भावना -योग करते हुए आगे बढ़ते चले जाएंगे।
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