क्या के.सी. त्यागी दिल्ली बनाम पटना की राजनीति में पार्टी छोड़ गए ?

क्या के.सी. त्यागी दिल्ली बनाम पटना की राजनीति में पार्टी छोड़ गए ?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी (73 साल) ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. उनकी जगह अब राजीव रंजन प्रसाद जेडीयू के नए प्रवक्ता हुए.घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने दावा किया है कि लोजपा (रामविलास) के कम से कम तीन सांसद बीजेपी के संपर्क में हैं. बातें यह भी हो रही थीं कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और क्षेत्रीय पार्टी से अलायंस में दरार बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.

माना जा रहा है कि केसी त्यागी को दिल्ली में बैठकर हर मुद्दे पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया है. चूंकि, त्यागी हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखते हैं और पटना में बैठी जेडीयू की लीडरशिप इस बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं कर सकी है. त्यागी के बयानों से ऐसा लगने लगा था कि एनडीए में जेडीयू का राय अलग है.

सूत्र बताते हैं कि जब एनडीए में मतभेदों की खबरें आने लगीं तो बीजेपी ने इसे दबाने के लिए सहयोगी दलों से बातचीत की और कोऑर्डिनेशन बनाए रखने के लिए कहा. इसी सिलसिले में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्यसभा सांसद संजय झा ने उनसे मुलाकात की थी और उनसे राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ने के लिए कहा था. हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक बयान में यही कहा कि त्यागी ने निजी वजह से जिम्मेदारी छोड़ी है.

त्यागी ने क्या बयान दिए, जिससे NDA में नाराजगी की चर्चा?

जानकारों के मुताबिक, केसी त्यागी ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए हैं, इसके लिए उन्होंने पार्टी हाईकमान से चर्चा तक नहीं की. इनमें विदेश नीति, संघ लोक सेवा आयोग में लेटरल एंट्री, एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसले पर बयान शामिल है. त्यागी ने कई मुद्दों पर अपने निजी विचार पार्टी के विचारों की तरह बताकर पेश किए, जिनसे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा.

त्यागी 2013 से 2016 तक बिहार से राज्यसभा सांसद रहे. वे 1989 से 1991 तक हापुड़ सीट से लोकसभा सदस्य भी रहे हैं.

2000 के दशक की शुरुआत में जब JDU ने NDA में एंट्री ली, तब केसी त्यागी को पार्टी के प्रवक्ता और रणनीतिकार के रूप में जगह मिली. वे मीडिया में पार्टी का चेहरा बने और बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने का काम किया.
– 2015 में JDU ने बीजेपी से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल  और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया. इस दौरान त्यागी की भूमिका सीमित हो गई. चूंकि पार्टी के फोकस में बिहार की राजनीति और लालू यादव के साथ तालमेल बनाना रह गया था. महागठबंधन का एजेंडा बिहार के क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित था, ऐसे में त्यागी की राष्ट्रीय स्तर की भूमिका में कुछ कमी आई.
– 2017 में नीतीश कुमार ने फिर बड़ा राजनीतिक कदम उठाया और RJD-कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और NDA में वापसी कर ली. उसके बाद त्यागी का कद फिर बढ़ा और वो राष्ट्रीय राजनीति में JDU का प्रमुख चेहरा बन गए. उन्हें बीजेपी और अन्य NDA सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने की जिम्मेदारी दी गई.
– साल 2020 में जब बिहार में जेडीयू-बीजेपी की सरकार थी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (अब BJP नेता) जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए तो त्यागी ने पार्टी प्रवक्ता पद छोड़ दिया था.
– 2022 में जब नीतीश कुमार ने फिर NDA से अलग होकर महागठबंधन में वापसी की तो त्यागी की भूमिका और ज्यादा जटिल हो गई. त्यागी को जिम्मेदारी दी गई कि वे राज्य और केंद्र स्तर की राजनीति के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करें. दरअसल, त्यागी अपने संवाद और राजनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं और उनको मीडिया और जनसंपर्क का जिम्मा सौंपा जाता रहा है.
– उसके बाद मार्च 2023 में बिहार में जब जेडीयू-महागठबंधन की सरकार थी और राजीव रंजन सिंह ललन पार्टी अध्यक्ष थे, उस समय भी त्यागी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था, हालांकि, दो महीने बाद मई 2023 में त्यागी की फिर वापसी हुई और पार्टी के ‘विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता’ बनाए गए. उस समय जेडीयू बिहार में महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही थी.
– जनवरी 2024 में जेडीयू फिर एनडीए का हिस्सा बनी तो त्यागी को फिर मुख्य भूमिका में देखा गया और जेडीयू की तरफ से पक्ष रखते देखे गए. हालांकि, इस बार टिप्पणियों ने उनकी मुश्किलें खड़ी कर दीं.

 

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!