प्रधानाध्यापको की नियुक्ति नियमावली के विसंगतियों का निराकरण हो : उदय शंकर गुड्डू
प्रधानाध्यापको की नियुक्ति के लिए जारी नियमावली का बिहार राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध
श्रीनारद मीडिया‚ मनोज तिवारी‚ छपरा (बिहार):
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के प्राथमिक मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापको की पद नियुक्ति का नया संवर्ग गठित किये जाने पर बिहार राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने कड़ा विरोध जताया है. संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर गुड्डू, प्रदेश सचिव सुनील तिवारी, प्रदेश महासचिव तसौवर हुसैन सहित राज्य उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह, अल्पना मिश्रा आदि ने अपने बयान मे कहा है कि प्रधानाध्यापक के पद पर 50 फीसदी पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की वरीयता के आधार पर पदोन्नति देकर पदस्थापन किया जाता रहा है।
लेकिन अब इसे बीपीएससी से भरे जाने की बात बेमानी लगती है. सूबे की सरकार शिक्षकों के हक एवं अधिकार के साथ खिलवाड़ कर रही है.साथ ही संघ ने कहा है कि प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए जारी नियमावली 2021 में अनेक विसंगतियां है जिसे शीघ्र ही सुधार कर नियमावली को वापस ले.अगर समय रहते शिक्षकों के अंदर उठते आक्रोश को बिहार सरकार गंभीरता से नहीं लेती है तो बिहार राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ सरकार के विरोध में आंदोलन खडा़ करने के लिए बाध्य होगा.
इसके लिए 28 अगस्त को संघ से जुड़े सभी राज्यस्तरीय, प्रमंडल एवं जिला स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक राज्य कैम्प कार्यालय में बुलाई गई है.मौके पर बैठक में जो भी निर्णय लिए जाएंगे उसे राज्य सरकार को अवगत किया जाएगा. विदित हो कि नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में बिहार सरकार द्वारा घोषित बढोत्तरी का भी नहीं किये जाने से पंचायती राज संस्थान अंतर्गत सभी कोटि के शिक्षकों में भारी आक्रोश है.
ऐसेे में सूबे बिहार के शिक्षक संगठन आंदोलन की रणनीति तय करेंगे.इस बीच संघ से जुड़े सारण जिलाध्यक्ष डा.राजेश यादव, जिला सचिव मंजीत तिवारी, उपाध्यक्ष संजय सिंह चुन्नू सहित जिला मीडिया प्रभारी सह उपाध्यक्ष अमित प्रकाश गिरि ने कहा है कि राज्य संघ का जो भी फैसला होगा उसे हम सभी संघ से जुड़े पदाधिकारी मानने को तैयार है।
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