विश्व धरोहर दिवस पर परिचर्चा आयोजित
आस्था व इतिहास का संगम है तीतिर स्तूप
तितिर स्तूप विकास पहल लौटा सकती है सिवान का गौरव!
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिले के जीरादेई प्रखण्ड क्षेत्र के तीतिर स्तूप स्थित बुद्ध मंदिर परिसर में सोमवार को विश्व विरासत दिवस पर परिचर्चा आयोजित की गई । बौद्ध उपासक बलिंद्र सिंह ने कहा कि तीतिर स्तूप आस्था व इतिहास का अद्भुत संगम है ।
जहाँ देश विदेश से बौद्ध अनुयायी पूजा अर्चना करने आते है ।
इसके पुरातात्विक ,ऐतिहासिक एवम धार्मिक महत्व बहुत ही बड़ा है । शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि
सिवान के गौरवशाली इतिहास के पन्ने को पलटते-पलटते मानस में मंथन की कई तरंगे निकलती है जो ऐतिहासिक महत्व के साथ -साथ धार्मिक आस्था का बहुत बड़ा केंद्र के रूप में उभर रहा है । उन्होंने ने बताया कि सिवान में मिले पुरातात्विक साक्ष्य एक समर्पित प्रयास की मांग करते दिख रहे हैं। जिसका नहीं होना, सिवान के गौरवपूर्ण अतीत के लिहाज से अन्यायपूर्ण और आनेवाली पीढ़ी के संदर्भ में अक्षम्य है। आवश्यकता इस बात की है कि सबसे पहले पुरातात्विक उत्खनन से तथ्यों की शत प्रतिशत पुष्टि कर तितिर स्तूप सहित सिवान के अन्य बौद्धिक स्थलों के विकास की कार्ययोजना बनाकर शीघ्र उसे अमल में लाया जाए।
उन्होंने कहा कि इससे सिवान का गौरवशाली अतीत का संदर्भ सिवान के वर्तमान परिदृश्य को बदल कर रख देगा तथा सिवान देश के पर्यटन मानचित्र में चमक उठेगा एवं सिवान की जनता भी निहाल हो उठेगी।
पाठक आईएएस कोचिंग संस्थान के निदेशक गणेशदत्त पाठक ने कहा कि बौद्ध स्थल के रूप में सिवान का विकास बदल देगा मंजर ।
श्री पाठक ने कहा कि यदि सरकार तितिर स्तूप के बारे में खोज, उत्खनन के प्रभावी प्रयास करे और सत्य तक पहुंच जाया जाए तो सिवान का परिदृश्य ही बदल सकता है। उन्होंने कहा कि सिवान के लोगों को अपने अतीत के गौरव पर गर्व तो होगा ही। प्रतिवर्ष लाखों पर्यटकों का आगमन सिवान के लिए खुशियों की बयार लायेगा। होटल, भोजनालय, परिवहन साधनों की आवश्यकता सिवान के विकास की एक नई गाथा लिख डालेगी। श्री पाठक ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार बाहर जाने की आवश्यकता को कम करेगा। उन्होंने बताया कि पर्यटन स्थल के रूप में आधारभूत सुविधाओं का विकास सिवान का काया कल्प कर जाएगा। बस आवश्यकता समन्वित और संवेदनशील प्रयास की है। निश्चित तौर पर तितिर स्तूप स्थल विकास की कार्ययोजना को अमली जामा पहुंचाने में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, मीडिया आदि को मिलजुलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया कि
प्रशासन के पास कार्यबोझ का दवाब अवश्य है लेकिन थोड़ा सा प्रयास सिवान के गौरव को संवार जायेगा। राजनीतिक नेतृत्व को भी दलगत राजनीति से दूर होकर सिवान के गौरवपूर्ण इतिहास के मामले पर समन्वित प्रयास करना चाहिए। श्री पाठक ने कहा कि जनता को भी इस मसले को मुद्दा बनाने में सहयोग करना चाहिए। सिवान के उनलोगो जिनकी पहुंच सरकार के उच्च स्तर तक है उन्हें अपने मातृभूमि के गौरव को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। ध्यान रहें कि यदि ये प्रयास हो जाते हैं तो सिवान की आनेवाली पीढ़ी अपने पूर्वजों के प्रयासों पर गर्व कर सकेगी। श्री पाठक ने बताया कि सिवान में तितिर स्तूप का विकास इतिहास का संदर्भ ही नहीं बदलेगा, वर्तमान को भी गढ़ेगा और भविष्य तो शानदार होना ही हैं । इस मौके पर प्रमोद शर्मा ,माधव शर्मा ,हरिशंकर चौहान आदि ने भी अपना विचार व्यक्त किया ।
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