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जिलाधिकारी और सिविल सर्जन ने खाई पहली खुराक, शुरू हो गया फाइलेरिया मुक्ति के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान:

जिलाधिकारी और सिविल सर्जन ने खाई पहली खुराक, शुरू हो गया फाइलेरिया मुक्ति के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान:

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जागरूक देश की एक ही पहचान, शत प्रतिशत हो एमडीए अभियान: जिलाधिकारी
नेटवर्क सदस्यों द्वारा भी डोर टू डोर भ्रमण कर खिलाई जा रही हैं दवा: सिविल सर्जन
जिले के लगभग 30 लाख लोगों को दवा खिलाने का रखा गया है लक्ष्य: डॉ जेपी सिंह
स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं भ्रमणशील टीम के सामने ही खिलाई जानी है दवा ख़ुराक़: वीडीसीओ

श्रीनारद मीडिया, कटिहार (बिहार):

जिले में 14 दिवसीय फाइलेरिया नियंत्रण के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत कटिहार के जिलाधिकारी के सभाकक्ष में हुई। यहां जिलाधिकारी उदयन मिश्रा, सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह, वीडीसीओ नंद किशोर मिश्रा, डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ दिलीप कुमार झा, केयर इंडिया के डिटीएल प्रदीप बोहरा, डीपीओ चंदन कुमार सिंह, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी ने सामूहिक रूप से एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली खाई। इसके बाद समाहरणालय परिसर से एक दर्जन प्रचार वाहन को सभी वरीय अधिकारियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर पीसीआई के डीसी तपेश कुमार यादव, बीसी प्रवीण ठाकुर, सिफार के बीसी भीम कुमार, फाइलेरिया कर्मी नुन्नूलाल सिंह एवं संजय कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

 

जागरूक देश की एक ही पहचान, शत प्रतिशत हो एमडीए अभियान: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने बताया कि “जागरूक देश की एक ही पहचान, शत प्रतिशत हो एमडीए अभियान” के तहत हम सभी को अपने व अपने परिवार को जागरूक करना होगा। फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। जन-जागरूकता और सावधानी से ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए सार्थक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है।

 

नेटवर्क सदस्यों द्वारा भी डोर टू डोर भ्रमण कर खिलाई जा रही है दवा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि एमडीए कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता को लेकर डब्ल्यूएचओ, केयर इंडिया, पीसीआई, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के अलावा नेटवर्क सदस्यों द्वारा महत्वपूर्ण सहयोग किया जा रहा है। गृह भ्रमण के दौरान लाभार्थियों के आवासीय परिसर के दीवार पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा चिन्हित किया जाएगा। इसमें भ्रमणशील टीम एवं परिवार संख्या के साथ ही दिनांक को भी अंकित करना है। ताकि स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम की सफ़लता को लेकर निरीक्षण के दौरान संबंधित जानकारी आसानी से लिया जा सके। कोढ़ा एवं बरारी प्रखंड के नेटवर्क सदस्यों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर दवा खिलाई जा रही है।

 

जिले के लगभग 30 लाख व्यक्तियों को दवा खिलाने का लक्ष्य: डॉ जेपी सिंह
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि जिले में 29 लाख 54 हजार 913 निवासियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। आशा दीदी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक घरों का भ्रमण कर सभी व्यक्तियों को अपने ही सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा खिलायी जायेगी। इसके लिए जिले में 1342 टीम बनाई गई है। इसमें 2175 आशा कर्मी एवं 394 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। लोगों तक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 120 पर्यवेक्षको की तैनाती की गई हैं। जिले में फ़िलहाल 2993 व्यक्ति फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं। इसमें 2673 लोग हाथीपांव से ग्रसित हैं, तो 320 लोग हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित हैं।

 

स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं भ्रमणशील टीम के सामने ही खिलाई जायेगी दवा: वीडीसीओ
कीट जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी नंद किशोर मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए 02 से 05 आयुवर्ग के बच्चों को डीईसी की एक गोली, 05 से 14 आयुवर्ग वाले लाभार्थियों को 02 गोली खाना हैं। जबकि इससे ऊपर आयुवर्ग के लोगों को 03 गोली दिया जाना है। साथ में सभी लक्षित वर्ग को एल्बेंडाजोल की एक दवा चबाकर खानी है। सबसे खास बात यह हैं कि डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक सभी लोगों को भ्रमणशील टीम के सामने ही खानी है। यह दवा लोगों को खाना खाने के बाद ही लेना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलायें एवं एक महीने तक की  धातृ महिला व गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है।

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