प्रमंडलीय आयुक्त ने की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
-मरीज़ों को बेहतर तरीके से सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए: प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ
-विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रूप से की गई चर्चा:
-बाढ़ पूर्व दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करें:
-स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मियों की ली गई जानकारी:
-कायाकल्प एवं लक्ष्य योजनाओं से संबंधित ली जानकारी:
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराना हम सभी को पहली प्राथमिकताओं में शामिल करना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग स्थानीय क्षेत्र की जनता को हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके लिए बेहतरीन सुविधा एवं व्यवस्था प्रदान करने के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई है। उक्त बातें पूर्णिया प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने स्वास्थ्य विभाग की प्रमंडलीय स्तर समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही।
इस दौरान आयुक्त के सचिव राजेश चौधरी, प्रभारी स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ संतोष कुमार वर्मा, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमूल होदा सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन, डीपीएम, स्वास्थ्य विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी संजय कुमार एवं संबंधित सचिवालय सहायक अजय कुमार, यूनिसेफ़ के शिव शेखर आनंद, डॉ अनिल कुमार शर्मा, सिफार के प्रमंडलीय समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।
-विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रूप से की गई चर्चा: आयुक्त
प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ की अध्यक्षता में कार्यालय सभागार में प्रमंडल स्तरीय (पूर्णिया, किशनगंज, अररिया एवं कटिहार) स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता एवं उनकी ससमय उपस्थिति, दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता, दवा दुकानों की जांच आदि की क्रमानुसार समीक्षा की गई। बैठक में स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था, एंबुलेंस की उपलब्धता, गर्भवती माताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं को भुगतान की स्थिति सहित कई बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। हालांकि उन्होनें अधिक समय से अनुपस्थित चिकित्सकों पर प्रपत्र (क) गठित करने एवं तीन साल से एक ही जगह पदस्थापित चिकित्सकों का स्थानांतरण करने का भी निर्देश दिया।
-बाढ़ पूर्व दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करें: आयुक्त
वहीं प्रमंडलीय आयुक्त ने बाढ़ से पूर्व सभी जिलों में दवाओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति की समीक्षा के दौरान इन सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं डीपीएम को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रमंडल के सभी जिलों में चिह्नित क्षेत्रों में संभावित बाढ़ एवं सामान्य स्थिति के लिए दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए। इसके साथ ही समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित औषधि निरीक्षकों से दवा दुकानों की जांच के संबंध में कहा कि शराबबंदी के बाद जिन दवाओं की ज़्यादा ख़पत हो रही है उसपर ध्यान देने की जरूरत है। नियमित रूप से दवा दुकानों की जांच का भी निर्देश दिया गया। साथ हीं जो दवा दुकान बिना लाइसेंस के संचालित किये जा रहे हैं उनके विरुद्ध सख्त कारवाई करने का निदेश दिया गया है।
-स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मियों की ली गई जानकारी:
आयुक्त गोरखनाथ द्वारा जिलावार स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों, जीएनएम, एएनएम, तकनीकी सहायकों सहित अन्य कर्मियों के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत बल की जानकारी ली गई। स्वीकृत पद के विरुद्ध लगभग 70 प्रतिशत चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यरत रहने की जानकारी दी गई। कार्यरत चिकित्सकों में भी कई स्टडी लीव, अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के संबंध में भी आयुक्त को अवगत कराया गया। आयुक्त द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया कि जो भी चिकित्सक अनाधिकृत रूप में लंबे समय से अनुपस्थित रह रहे हैं, तो उनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित करते हुए इस संबंध में प्रतिवेदन विभाग को प्रतिवेदित किया जाए। प्रतिनियुक्ति पर रह रहे अधिकारियों, चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए मूल स्थानों पर अविलंब योगदान करने का आदेश दिया जाए।
-कायाकल्प एवं लक्ष्य योजनाओं से संबंधित ली जानकारी:
प्रमंडल के सभी जिलों में लक्ष्य कार्यक्रम एवं कायाकल्प योजनाओं के संबंध में आयुक्त ने क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमूल होदा से जानकारी ली। उन्होंने इस पर विस्तृत चर्चा की और कहा कि इस योजना या कार्यक्रम से प्रमाणित होने के बाद स्थानीय क्षेत्र की जनता को क्या लाभ मिल सकता है। इस संबंध में आरपीएम ने विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि लक्ष्य या कायाकल्प के द्वारा प्रमाणीकरण के बाद अस्पताल तकनीकी रूप से मजबूत होते हैं। जिस कारण मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के संबंध में आयुक्त ने बताया कि किसी भी तरह की निविदाएं बिहार वित्त नियमावली के अनुरूप किया जाए।
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