क्या पाक, बांग्लादेश से भी भारत भागते हैं अल्पसंख्यक?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
‘एक फेक नैरेटिव बनाया जा रहा’
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री ने अल्पसंख्यकों के संबंध में सरकार के खिलाफ फर्जी कहानी बनाने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। कैबिनेट मंत्री ने कहा, एक फेक नैरेटिव बनाया जा रहा है। सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस इन यूरोपियन यूनियन के सर्वे के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन में 48 फीसदी लोग भेदभाव के शिकार हैं। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं, इस्लाम को मानने वाले हैं। फ्रांस में बहुत से लोग हैं। भेदभाव संबंधी रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर किसी को ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे। उन्होंने अखिलेश यादव और अन्य एसपी नेताओं को सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी अल्पसंख्यक भागकर भारत आना चाहते हैं। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की स्थिति (अल्पसंख्यकों के मामले में) क्या है, सबको पता है।
उन्होंने सदन में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए जिस तरह के सुरक्षात्मक उपाय हैं, उतने किसी दूसरे देश में नहीं है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘कभी कभी ऐसी बात की जाती है कि मानो अल्पसंख्यकों का अधिकार ही नहीं है।’ सदन में शुक्रवार को चर्चा में भाग लेते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव समेत कुछ विपक्षी सदस्यों ने देश में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया था।
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू के अनुसार, यूरोपीय संघ के देशों के एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, इस क्षेत्र के देशों में 48 प्रतिशत लोग भेदभाव के शिकार हुए हैं जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं। रिजिजू ने कहा, ‘आसपास के देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुल्म होता है तो वो लोग सबसे पहले भारत में आते हैं। इसलिए आते हैं कि भारत सुरक्षित है।’’
मंत्री ने सवाल किया, ‘ऐसा क्यों कहा जाता है कि अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं।’ रिजिजू ने कहा कि ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि खराब होती हो। विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी के बीच रीजीजू ने संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपने कामकाज की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मैं सीधा-साधा आदमी हूं…अगर मैं पसंद नहीं भी आता हूं तो भी आपको मुझे कुछ साल तो झेलना पड़ेगा। अगर आपको लगता है कि आप मेरे साथ काम नहीं कर सकते हैं तो प्रधानमंत्री जी को कहिए।’
रिजिजू ने कहा, ‘बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की बातों को गलत ढंग से पेश किया गया कि उन्होंने हिंदू धर्म को छोड़ा और अब हिंदू धर्म के खिलाफ लड़ना है।’ रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप ही आज एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति हैं।