स्वतंत्रता को हल्के में न लें- प्रधान न्यायाधीश

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में हुई हाल की घटनाओं से स्वतंत्रता दिवस के महत्व और अधिकारों के मूल्य का पता चलता है।

यहां उच्चतम न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें देश के लोगों के एक-दूसरे के प्रति तथा राष्ट्र के प्रति संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने के कर्तव्यों की याद दिलाता है।

अतीत की घटनाओं को समझना महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि हमारे लिए स्वतंत्रता कितनी मूल्यवान है। स्वतंत्रता को हल्के में लेना बहुत आसान है, लेकिन अतीत की घटनाओं को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि हमें याद रहे कि ये चीजें कितनी जरूरी हैं।

कई वकीलों खुद को राष्ट्र को समर्पित किया

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कई वकीलों ने अपना कानूनी पेशा छोड़ दिया और राष्ट्र के लिए खुद को समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मैं आप सभी को, हमारे पत्रकार साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आपके माध्यम से मैं पूरे देश को, विशेषकर कानून से जुड़े लोगों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

CJI बोले- संविधान सबसे ऊपर

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह हमें एक-दूसरे के प्रति और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाने का दिन है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी ध्वजारोहण के समय उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि संविधान सबसे ऊपर है।

भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा

मंत्री ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने कुछ दिन पहले कहा था कि संविधान सबसे ऊपर है। अगर इसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा आत्मसात कर लिया जाए तो भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के शब्दों को याद करते हुए कहा कि यही वह स्वतंत्रता है जिसका देश जश्न मना रहा है।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ वे बांग्लादेश की जिक्र करते हुए कहा कि बाग्लादेश के हाल को देखकर स्वतंत्रता के महत्व का पता चलता है। उन्होंने बांग्लादेश में घटी घटना को लेकर बाग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख  हसीना पर भी हमला बोला है।

स्वतंत्रता बुहत मूल्यवान

 प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में हुई हाल की घटनाएं इन अधिकारों के मूल्य की याद दिलाती हैं। यहां उच्चतम न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस हमें देश के लोगों के एक-दूसरे के प्रति तथा राष्ट्र के प्रति संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने के कर्तव्यों की याद दिलाता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘आज बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि हमारे लिए स्वतंत्रता कितनी मूल्यवान है। स्वतंत्रता को हल्के में लेना बहुत आसान है, लेकिन अतीत की घटनाओं को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि हमें याद रहे कि ये चीजें कितनी जरूरी हैं।”

हिंदू समुदाय पर बांग्लादेश में हमलों

प्रधान न्यायाधीश की यह टिप्पणी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाओं को लेकर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच आई है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कई सप्ताह तक चले हिंसक प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थीं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कई वकीलों ने अपना कानूनी पेशा छोड़ दिया और राष्ट्र के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मैं आप सभी को, हमारे पत्रकार साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आपके माध्यम से मैं पूरे देश को, विशेषकर कानून से जुड़े लोगों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”

स्वतंत्रता दिवस का जश्न

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह हमें एक-दूसरे के प्रति और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाने का दिन है।” केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी ध्वजारोहण के समय उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि संविधान सबसे ऊपर है। मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश ने कुछ दिन पहले कहा था कि संविधान सबसे ऊपर है। अगर इसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा आत्मसात कर लिया जाए तो भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।” उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के शब्दों को याद करते हुए कहा कि यही वह स्वतंत्रता है जिसका देश जश्न मना रहा है।

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