कहीं आपको तो नहीं है ओवरईटिंग की आदत?

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श्रीनारद मीडिया सेन्ट्रल डेस्क

बहुत से लोग यूं ही बैठे-बैठे कुछ न कुछ खाने लगते हैं। कई बार काम करते हुए भी कुछ खाने का मन करता है। इन आदतों के चलते बहुत से लोग ओवरईटिंग और मोटापे के शिकार हो जाते हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ भूख लगने पर ही खाने का मन नहीं करता है। खाने की आदतों और भूख के पीछे आपके शरीर की पोषक तत्व की जरूरत है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारी भूख पांच तरह की होती है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करती है कि हमारे शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते रहें। इन पोषक तत्वों की जरूरत हमारे शरीर को कुशलता से काम करने के लिए होती है।

30 सालों से एनीमल बिहेवियर पर काम कर रहे वैज्ञानिकों डेविड राउबनहाइमर और स्टीफन सिंपसन ने मनुष्यों की डाइट को लेकर महत्वपूर्ण काम किया है। उनके द्वारा की गई स्टडी प्लसवन जनरल में प्रकाशित हुई है। उन्होंने तीस दिन तक लंगूर को दी जाने वाली डाइट का अध्ययन किया। उसको दिए जाने वाले खाने में हर दिन वैराईटी थी। उसमें प्रोटीन से लेकर फैट और कार्बोहाइड्रेट की संतुलित मात्रा थी।

डेविड राउबनहाइमर और स्टीफन सिंपसन ने यह क्रिया मनुष्यों पर दोहराई। इसके लिए दस वालंटियर का चयन किया गया। उन्हें दो समूहों में बांटा गया। पहला समूह जिसे बफे सिस्टम के दौरान पर हाई-प्रोटीन डाइट दी गई और दूसरे को लो प्रोटीन, हाई कार्बोहाइड्रेट, हाई-फैट डाइट दो दिन तक दी गई।

खाने की लिए भूख लगे जरूरी नहीं

जनरल एपेटाइट में प्रकाशित परिणाम के बाद सामने आया कि जो लोग लो प्रोटीन डाइट पर थे उन्होंने अधिक कैलोरी वाला भोजन खाया। इसकी वजह उनके शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करना था। जबकि ज्यादा प्रोटीन डाइट वालों ने संतुलन बरकरार रखने के लिए इसका सेवन कम किया। ई-मेल के माध्यम से रूबेनहाइमर और सिम्पसन बताते हैं ऐसा जरूरी नहीं की आपको जब भी कुछ खाने का मन हो तो उस समय आपको भूख लगी हो। ‘हमें विभिन्न पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए अलग अलग भूख की जरूरत है, और इसलिए संतुलित आहार बनाने की आवश्यकता है।

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प्रोटीन, कार्ब्स, वसा, सोडियम और कैल्शियम क्यों?

ई-मेल के द्वारा शोधकर्ताओं ने कहा कि दर्जनों पोषक तत्वों के लिए हमारे पास अलग अलग भूख नहीं हो सकती थी। ऐसे में बायोलॉजिकल सिस्टम को प्रभावशाली तरीके से काम करने के लिए एक प्रक्रिया की आवश्यकता है। ‘दूसरी बात यह है कि इन पोषक तत्वों की बहुत विशिष्ट मात्रा में आवश्यकता होती है। तीसरा, सोडियम जैसे कुछ घटक अक्सर हमारे वातावरण में दुर्लभ थे और शरीर में इसकी जरूर को पूरा करने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया की जरूरत थी जो खाने से पूरी होती है।

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ भूख को बिगाड़ते हैं

अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में आमतौर पर ऐसे तत्व होते हैं, जिन्हें आप घर पर खाना बनाते समय नहीं मिलाते हैं जैसे रसायन, रंग, मिठास, स्टेबलाइजर्स। यह ब्रेड और अनाज से लेकर तैयार भोजन और प्रोसेस्ड मांस तक सभी प्रकार के उत्पादों में पाए जा सकते हैं। हार्ले स्ट्रीट स्किन क्लिनिक के सह-संस्थापक डॉ आमेर खान कहते हैं, प्रोसेस्ड फूड में प्रोटीन की कमी होती है जबकि शर्करा और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। प्रोसेस्ड फूड बनाने वाली कंपनियां अपनी लागत को घटाने के लिए खाने में ऐसे इंग्रीडिएंट डालती हैं।

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अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की वजह से ये भी नुकसान

जितना अधिक अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ हम खाते हैं, उतनी ही अधिक कैलोरी हमें अपने शरीर की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए खर्च करनी होती है। ऐसे में शरीर प्रोटीन को जरूरत को पूरा करने के चक्कर में वसा और कार्बोहाइड्रेड की ज्यादा मात्रा कंज्यूम कर लेता है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से बढ़ता है मोटापा

रूबेनहाइमर और सिम्पसन ने बताया, ‘अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ हमें मोटा बनाते हैं, लेकिन इसलिए नहीं कि हमें वसा और कार्ब्स के लिए ज्यादा भूख लगती है, जैसा कि अक्सर माना जाता है। ‘बल्कि, ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटीन के लिए हमारी भूख वसा और कार्ब सेवन को सीमित करने की हमारी क्षमता से अधिक है। इसलिए, जब प्रोटीन वसा और कार्ब्स द्वारा डाइलूट हो जाता है है, तो इसके लिए हमारी भूख उन तंत्रों पर हावी हो जाती है जो आम तौर पर हमें वसा और कार्ब्स खाना बंद करने के लिए कहते हैं।’

अधिक प्रोटीन के भी नुकसान

उसी तरह, यदि आप लगातार सब्जियों की जगह मांस खा रहे हैं, तो प्रोटीन ज्यादा लेने से आपको नुकसान भी पहुंच सकता हैं। खान कहते हैं, ‘बहुत अधिक प्रोटीन आहार न केवल कैलोरी सेवन को प्रतिबंधित करेगा, बल्कि सूक्ष्म पोषक तत्व और खनिज सेवन भी कम करेगा। ‘इसके परिणामस्वरुप मेटॉबालिज्म की धीमी गति और प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के रूप में हो सकता है।’

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अधिक सहजता से कैसे खाएं

प्रोटीन, कार्ब्स और वसा का बनाएं संतुलन प्रत्येक भोजन में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स – यानी प्रोटीन, कार्ब्स और वसा के संतुलन का लक्ष्य रखें। डॉ खान कहते हैं, ‘शरीर के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए प्रोटीन का उपयोग किया जाता है।’ ‘कार्ब्स ऊर्जा देते हैं; वसा धीमी गति से निकलने वाली ऊर्जा और वसा में घुलनशील सूक्ष्म पोषक तत्व और खनिज प्रदान करते हैं।’

मसाले के उपयोग को समझें

मसाले का इस्तेमाल कैसे किया जाए इसे भी समझें। कौन से मसाले सेहत के लिए बेहतर है इसे जानें। हो सकें तो घर में अपने मसाले उगाएं।

इस वजह से आराम से खाएं

आपके मस्तिष्क को यह बताने में 10 से 15 मिनट लगते हैं कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा पूरी है। इसलिए खाने को धीरे-धीरे चबाकर खाएं। एक साथ जल्दी खाने की कोशिश न करें। डा. खान कहते हैं कि ‘आहार जो अच्छी तरह से संतुलित होते हैं, उन खाद्य पदार्थों को लेने के बिना तृप्ति की अनुमति देते हैं जिनमें उच्च कैलोरी होती हैं, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट और वसा।

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