क्या सिद्धू का क्रिकेट वाला आजमाया अंदाज है?

क्या सिद्धू का क्रिकेट वाला आजमाया अंदाज है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

क्रिकेट और टीवी के हंसोड़ से सियासतदार बने नवजोत सिंह सिद्धू वैसे तो अपने अनोखे ‘सिद्धूवाणी’ के लिए मशहूर हैं, लेकिन इसके साथ ही मशहूर हैं उनके विवाद और अंदाज। उन्हीं बातों में एक किस्सा ऐसा भी था कि  सिद्ध को ओपनर तो शानदार माना जाता था लेकिन इसके साथ ही उनको लेकर एक बात जो ज्यादा प्रचलित थी कि वो  कई बार अपनी टीम को उस वक्त मझधार में छोड़ देते थे, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती थी। पंजाब में चुनाव में करीब सात महीने का ही वक्त बचा है और सारी पार्टियां इसकी तैयारी में लगी है।

लेकिन कांग्रेस में सिरफुटव्वल का दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीजेपी ने सिद्धू को राज्यसभा सांसद बनाया तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया, अमरिंदर ने मंत्री बनाया तो मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो पंजाब कांग्रेस के चीफ का पद त्याग दिया। जब सबकुछ मनमाफिक चल रहा था, तब सिद्धू का पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना हैरान करने वाला है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याणकारी एजेंडे से समझौता नहीं कर सकते।

अनगाइडेड मिसाइल हैं सिद्धू

सिद्धू को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वो एक दो धारी तलवार हैं और इसे थामने वाले हाथों को भी जख्मी कर सकते हैं। जब कांग्रेस में शामिल हुए थे तो उन्होंने कहा था कैप्टन, कौन कैप्टन मेरा तो एक ही कैप्टन है। उस दिन ये साबित हो गया था कि कांग्रेस में उनके लिए जगह नहीं है। जिनके बारे में भारतीय टीम के पूर्व कैप्टन मोहम्मद अजरुद्दीन कहा करते थे कि सिद्धू को मैनेज करना नामुमकिन नहीं है लेकिन आसान भी नहीं है। सिद्धू को लेकर पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने 2007 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि वर्ल्ड कप के दौरान एक बड़े चर्चित चेहरे की तलाश सिद्धू पर जाकर रूकी। उस वक्त सिद्धू दूसरे चैनल पर काम करते थे और उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ था।

लंबी बातचीत के बाद सिद्धू ने उस चैनल के साथ प्रोमो भी शूट कर लिया था, लेकिन करार पर दस्तखत नहीं किए। वजह बताई कि गुरुवार है, जो उनके लिए शुभ दिन नहीं है। अगले दिन वह कॉन्ट्रैक्ट साइन करेंगे। लेकिन इससे टीक उलट सिद्धू ने डील के दस्तावेज विरोधी चैनल को दिखाते हुए वहां अपनी फीस बढ़वा ली, यह दलील देकर कि अगर आप मुझे इतने पैसे नहीं देंगे तो मैं दूसरे खेमे में चला जाऊंगा।

गैर इरादतन हत्या के मामले से पत्नी को सरकारी मीटिंग में जबरन बिठाने तक

अमृतसर से सांसद रहते हुए 1988 में उन पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई, हालांकि इस साल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें 6 हजार का जुर्माना लगाते हुए सजा से बरी कर दिया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पर स्टार इंडिया ने आरोप लगाते हुए अदालत में गुहार लगाई कि उन्होंने उसके साथ किए गए 22.5 करोड़ रुपये के अनुबंध का उल्लंघन किया है। 2013 में स्टार इंडिया ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ क्रिकेट कॉमेंट्री करने के लिए तीन साल का अनुबंध किया था।

इसमें उन्होंने एक्सक्लूसिव ऑब्लिगेशन की शर्त पर यह अनुबंध स्वीकार किया था। सिद्धू ने 2014 में हुए इंडियन प्रीमियर लीग में स्टार इंडिया के लिए कॉमेंट्री न करते हुए प्रतिद्वंद्वी चैनल पर कॉमेंट्री की थी। बिजली का बकाया बिल का विवाद हो या आयकर विभाग का, सिद्धू हमेशा विवाद को साथ लेकर ही चले हैं। आयकर विभाग ने नवजोत सिंह सिद्धू के दो खातों को सीज कर दिया, तब भी वे चर्चा में आए। उसके दो खाते सीज कर 58 लाख रुपये की रिकवरी की गई। जब सिद्धू मंत्री थे तो अपने विभाग और लोकल बॉडी की एक ऑफिशियल मीटिंग में अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को साथ ले कर गए।

इस मीटिंग में न सिर्फ नवजोत कौर सिद्धू शामिल हुईं, बल्कि उन्होंने तमाम अधिकारियों को ब्रीफिंग और इंस्ट्रक्शन भी दिए। लॉफ्टर शो में भी सिद्धू विवाद से जुड़े रहे। टीवी पर कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में एक अश्लील चुटकुला सुना कर सिद्धू में मुसीबत मोल ले ली थी। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के एक वकील ने सिद्धू के खिलाफ अदालत में शिकायत भी दाखिल की थी।

पाकिस्तान और इमरान 

“खान साहब, जब भी करतारपुर साहब के लांगे का इतिहास लिखा जाएगा। पहले पन्ने पर आपका नाम लिखा जाएगा। मेरे यार, दिलदार इमरान खान का शुक्रिया।” सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब तक जाने वाले कॉरिडोर के समारोह में कांग्रेस नेता और उस वक्त पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तानी कप्तान और अपने पुराने दोस्त इमरान खान की शान में कुछ इस कदर कसीदे पढ़े थे। जिसको लेकर देश की राजनीति में बहुत बवाल हुआ था।

बीच मझधार टीम को छोड़ने की आदत

एक किस्सा ऐसा भी था कि  सिद्ध को ओपनर तो शानदार माना जाता था लेकिन इसके साथ ही उनको लेकर एक बात जो ज्यादा प्रचलित थी कि वो  कई बार अपनी टीम को उस वक्त मझधार में छोड़ देते थे, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती थी। 1987 वर्ल्ड कप में सिद्धू ने वापसी की थी, लेकिन जब कुछ ही महीने बाद वेस्टइंडीज की आक्रामक तेज गेंदबाजी के खिलाफ टीम इंडिया को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तो रहस्यमय अंदाज में चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए। 1992 में साउथ अफ्रीका के मुश्किल दौरे से ठीक पहले भी ऐसा ही हुआ। 1996 में इंग्लैंड दौरे के बीच में से ही वापस लौटने का किस्सा तो सबको पता ही है।

पंजाब में घूम फिर कर वहीं पहुंचे

कई दिनों की मेहनत लगाकर कांग्रेस ने पंजाब के सुलह का फॉर्मूला तैयार किया। क्या फॉर्मूला तय हुआ ये खबर जबतक टीवी और इंटरनेट पर चल पाती की पूर्व हो चुके मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पाकिस्तान और आईएसआई से संबंध के आरोप लगा दिए। लेकिन सारे आरोप-प्रत्यारोप व मीडिया में तैरते नामों के बाद आखिरकार एक वीकेंड के बाद कांग्रेस एक नाम को लेकर आगे आई। चरण जीत सिंह चन्नी के रूप में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 32 फीसदी की आबादी वाले राज्य के लिए पहली बार एक दलित सीएम को लेकर आई, जिसे फौरी तौर पर मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा गया।

अमरिंदर के पुराने संबंध धूमिल होते गए

अमरिंदर सिंह, राजीव गांधी के स्कूल में सहयोगी रहे हैं। कहा तो ये भी जाता है कि राजीव गांधी और सोनिया गांधी के विवाह के पश्चात वो अमरिंदर सिंह के पटियाला पैलेस में जाते हैं। लेकिन 2012 में जब कांग्रेस चुनाव हारी थी तो राहुल गांधी ने ही कैप्टन को हटाया था। उस वक्त अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी की लीडरशिप पर सवाल उठाया था।

2017 में भी कह सकते हैं कि अमरिंदर सिंह ने एक तरह से मजबूर किया राहुल गांधी को सीएम फेस बनाने के लिए। कुलमिलाकर कहे कि अमरिंदर सिंह का रवैया दिल्ली दरबार को झुकाने का रहा। जिसकी वजह से वो पॉपुलर तो होते गए लेकिन हाईकमान की वफादारी और पुराने संबंध वक्त के साथ धूमिल होते गए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!