क्या आपके बच्चे में ऑटिज्म बीमारी के लक्षण हैं?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्वलीनता या आटिज्म एक दिमागी बीमारी है। मेडिकल साइंस में इसे डेवलपमेंटल डिसआर्डर कहते हैं। यदि जन्म के कुछ माह बाद ही इसके लक्षणों को समझ लिया जाए तो ऐसे बच्चों की देखभाल काफी आसान हो जाती है। इसके अधिसंख्य मामलों में अभिभावक बीमारी के बारे में तब जान पाते हैं, जब बच्चा बोलने लायक होता है। ऐसे बच्चे सामने वाले से अपनी बात कह नहीं पाते हैं।
ऑटिज्म (Autism) या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्ड (autism spectrum disorder) यानी एएसडी (ASD) एक दिमागी बीमारी है. ये एक ऐसी बीमारी है जो ज्यादातर बच्चों को होती है. इसका पता लगा पाना काफी मुश्किल होता है. बच्चा जब तक 2 या 3 साल का नहीं हो जाता, ऑटिज्म के लक्षण (Symptoms) पता नहीं चलते हैं. बच्चों के व्यवहार, उनकी असामान्य प्रतिक्रिया और हाव-भाव से ही इस बीमारी (Disease) का पता चल सकता है. अगर आपका बच्चा अन्य बच्चों की तुलना में खामोश रहता है या फिर किसी भी बात पर प्रतिक्रिया देर से व्यक्त करता है, तो यह लक्षण ऑटिज्म की बीमारी के हो सकते हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन डिएगो (University of California San Diego) के स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स की एक टीम ने अपनी नई स्टडी के दौरान कई तकनीकों के सहारे ये जानने की कोशिश की है कि ब्रेन का वह कौन सा हिस्सा है, जो खास बोली या ध्वनि (speech or sound) के प्रति प्रतिक्रिया करता है.
रिसर्चर्स के अनुसार, इस स्टडी में ब्रेन इमेजिंग (brain imaging), आई ट्रैकिंग (eye tracking) और क्लिनिकल टेस्टिंग (clinical testing) के उचित संयोजन के जरिए ऑटिज्म के लिए सटीक दवा बनाने का रास्ता खुल सकता है. इस स्टडी का निष्कर्ष नेचर ह्यूमन बिहेवियर (Nature Human Behavior) जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
क्या कहते हैं जानकार
इस स्टडी के सीनियर ऑथर और यूसी सैन डिएगो के स्कूल ऑफ मेडिसिन (School Of Medicine) में न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर एरिक कौरचेस्ने (Eric Courchesne) ने बताया कि इस नए एप्रोच से यह पता करने में मदद मिलेगी कि ऑटिज्म पीड़ित बच्चों में सामाजिक प्राथमिकता और ध्यान संबंधित वस्तुनिष्ठ जानकारियों के संदर्भ में ब्रेन कैसे विकसित हो रहा है.
उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से विकसित होने वाले बच्चों के ब्रेन में मां की बोली की अलग प्राथमिकता होती है. पूर्व की स्टडी से यह पता चल चुका है कि मां की बोली या इशारों का बच्चों के ब्रेन पर अलग प्रभाव पड़ता है. लेकिन इस बारे में बहुत कम शोध हुए हैं कि एएसडी (ASD) से पीड़ित कैसे और क्यों मां की बोली पर प्रतिक्रिया देता और दीर्घावधि में ट्यून आउट होने से क्या प्रभाव पड़ेगा.
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