गोपालगंज के डॉ० मुन्ना कुमार पाण्डेय ‘महाराजा फ़तेह बहादुर साही साहित्य सम्मान’ से सम्मानित.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
गाज़ीपुर जनपद में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ० मुन्ना कुमार पाण्डेय को ‘महाराजा फ़तेह बहादुर साही स्मृति न्यास’ के द्वारा ‘महाराजा फ़तेह बहादुर साही साहित्य सम्मान-2021’ से सम्मानित किया गया। न्यास के अध्यक्ष श्री ज्वाला सिंह ने प्रेस विज्ञप्त के माध्यम से बताया कि न्यास प्रत्येक वर्ष भोजपुरिया क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को साहित्य में स्थापित करने वाले भोजपुरिया माटी से जुड़े एक कलमकार को ‘महाराजा फ़तेह बहादुर साही साहित्य सम्मान’ से सम्मानित करेगा।
विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि हुस्सेपुर के नरेश एवं तमकुही राज के संस्थापक महाराजा फ़तेह बहादुर साही ने 1765 की इलाहाबाद की संधि को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था एवं कम्पनी सरकार के खिलाफ विद्रोह प्रारम्भ किया था। कम्पनी सरकार के लिए दशकों सरदर्द बने रहने वाले इन स्वाभिमानी नरेश को महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने महाराणा प्रताप के समकक्ष का योद्धा कहा है जबकि अंग्रेज अधिकारी अपने पत्रों में उन्हें पेशवा से भी अधिक खरतनाक शत्रु लिखे है।
इसकी बावजूद इन के इतिहास के प्रति समाज एवं सरकार की उदासीनता इतनी रही कि गोपालगंज जिले की सरकारी वेबसाइट पर इतिहास ज्ञान के आभाव में महाराजा फ़तेह बहादुर साही को डकैत लिखा गया था जो की 2019 में जिले के निवासी डॉ० मुन्ना कुमार पाण्डेय के प्रयासों से ही हट सका। असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ० मुन्ना कुमार पाण्डेय जी के योगदान की चर्चा करते हुए श्री ज्वाला सिंह ने बताया कि आदरणीय डाक्टर साहब ने अनेक मंचो एवं वर्चुअल सेमिनारों के माध्यम से महाराजा फ़तेह बहादुर साही की गौरवगाथा को जन-जन तक पहुँचाया है एवं साहित्यकारों के लिए ऐतिहासिक जानकारियाँ उपलब्ध कराकर इस सन्दर्भ में साहित्य सृजन में सहयोग किया है। इसके साथ ही डॉ० मुन्ना कुमार पाण्डेय ने अनेक राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में इस विषय पर लेख भी लिखे है।
यह सम्मान राजगुरू मठ शिवाला घाट (काशी) के पीठाधीश्वर दण्डी स्वामी अनन्तानन्द सरस्वती जी महाराज के कर कमलों द्वारा दिया गया, उनके साथ मंच पर महाराजा फ़तेह बहादुर साही स्मृति न्यास के पदाधिकारी एवं सारण क्षेत्र के मिर्जापुर पंचायत के मुखिया इंजी हर्षवर्द्धन दीक्षित, कवि संजीव कुमार त्यागी एवं रविशंकर राय समीक्षा अधिकारी माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज उपस्थित रहे।
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