बीपीएसी के 67वें एग्जाम के पेपर लीक कांड मामले में डीएसपी रंजीत कुमार रजक की हुई गिरफ्तारी
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
बिहार लोक सेवा आयोग के 67वें एग्जाम के पेपर लीक कांड मामले में जिस डीएसपी रंजीत कुमार रजक की गिरफ्तारी हुई है, उनकी कुंडली को आर्थिक अपराध इकाई ने पूरी तरह से खंगाल दिया है। इनका बीपीएससी कनेक्शन, सेटर्स गैंग का कनेक्शन और राजनीतिक कनेक्शन, सबकुछ सामने आ गया है। इनके साथ ही इनके परिवार के वो सभी लोग ईओयू के रडार पर आ गए हैं, जिनकी सरकारी नौकरी रंजीत कुमार रजक के डीएसपी बनने के बाद लगी।
ईओयू से जुड़े सूत्र बताते हैं कि रंजीत कुमार रजक के परिवार के कई लोग सरकारी नौकरी में हैं और वो भी बड़े पदों पर। इनके एक भाई ने 56वें-59वीं BPSC का कंबाइन एग्जाम दिया था। जिसमें वो पास हुए और SDM बन गए। दूसरे भाई ने 63वीं BPSC का एग्जाम दिया और फिर वो लेवर एनफोर्समेंट अफसर बन गए। इन दोनों भाइयों की सरकारी नौकरी अब ईओयू के शक के दायरे में आ गई है। आने वाले दिनों में इनके बहाली की हुई प्रक्रिया की जांच होगी।
रंजीत कुमार रजक ने 53वीं से 55वीं BPSC का कंबाइन एग्जाम दिया था। तब ये डीएसपी बने थे। लेकिन, इन्हें लेकर एक और महत्वपूर्ण बात EOU की जांच में सामने आई है। इन्होंने दूसरी बार BPSC का एक एग्जाम दिया था। जिसमें वो पास भी हुए थे। उस वक्त वो SDM बनते। मगर, ऐसा किया नहीं। पुलिस में अपनी डीएसपी की नौकरी हो ही कंटिन्यू कर गए। उस वक्त इन्होंने ऐसा क्यों किया था? इस बात की भी अब जांच की जा रही है।
डीएसपी बहनोई को इंटरव्यू में आए थे 49 नंबर
सूत्रों के अनुसार रंजीत कुमार रजक के डीएसपी बनने के बाद ही एक परिचित युवक ने BPSC का एग्जाम दिया था। जिसके बाद बिहार पुलिस में वो भी डीएसपी बन गया। फिर रंजीत ने अपनी एक बहन की शादी उसी डीएसपी से करा दी। EOU की जांच में पता चला कि इनके डीएसपी बहनाई को BPSC के एग्जाम में 1200 में से 876 नंबर आए थे। उस वक्त के एग्जाम के रिजल्ट में 9वां रैंक मिला था। लेकिन, उसी एग्जाम के बाद इंटरव्यू में 150 में मात्र 49 नंबर ही उनके बहनोई को मिले थे। EOU के जांच के दायरे में इनकी नौकरी भी आ गई है।
दूसरी बहन के नाम पर खोला पेट्रोल पम्प
रंजीत कुमार रजक की 4-5 बहने हैं। एक बहन की शादी इन्होंने डीएसपी से की। अब दूसरी बहन के नाम पर एक पेट्रोल पम्प खुलवा दिया है। यह पेट्रोल पम्प खुला है कटिहार में। जिसका उद्घाटन हाल में ही उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किया था। सूत्र बताते हैं कि रंजीत कुमार रजक का राजनीतिक कनेक्शन काफी तगड़ा है। पेट्रोल पम्प भले ही बहन के नाम पर खुला है। पर इसमें किए गए इंवेस्टमेंट की भी अब जांच होगी।
ईओयू ने चेताया था-ये बीएसएससी पेपर लीक में चार्जशीटेड, इसे डीएसपी नहीं बनाएं
सूत्रों के अनुसार रंजीत के डीएसपी बनने के पहले ईओयू ने बीपीएससी को बता दिया था कि वह बीएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में चार्जशीटेड हैं और उसे बहाल न किया जाए। इसके बाद भी वह डीएसपी बन गया। सूत्रों के अनुसार सिपाही से लेकर दारोगा भर्ती परीक्षा में उसकी ड्यूटी भी लगती रही है। सरकार अब इस मामले को लेकर बेहद सख्त है कि इतने गंभीर आरोपों के बाद भी वह सात साल से डीएसपी के पद पर कैसे काबिज था।
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