Durga Chalisa Lyrics with Meaning (श्री दुर्गा चालीसा)

Shri Durga Chalisa (श्री दुर्गा चालीसा)

॥चौपाई – 1॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।

नमो नमो अम्बे दुःख हरनी ॥ १ ॥

अर्थात – सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है। दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है।
namo namo durge sukha karani ।
namo namo ambe duhkha harani ॥ 1 ॥
Meaning: I surrender to you O Goddess Durga, the bestower of all happiness! I bow to you O Goddess Amba! who ends all sufferings.

 

॥चौपाई – 2॥

निराकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ २ ॥
अर्थात – आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है, जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है।
nirankara hai jyoti tumhari ।
tihu loka phaili ujiyari ॥ 2 ॥
Meaning: The brightness of your light is infinite and penetrating, and you enlighten all the three worlds (Earth, Heaven, and the Netherworld).

 

॥चौपाई – 3॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ ३ ॥
अर्थात – आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है। नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं।
sasi lalata mukha mahabisala ।
netra lala bhrkuti vikarala ॥ 3 ॥
Meaning: Your Face is like the moon and very massive. Your eyes are adorned with a red glow with the frightening frown.

 

॥चौपाई – 4॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४ ॥
अर्थात – मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है। इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है।
rupa matu kau adhika suhavai ।
darasa karata jana ati sukha pava ॥ 4 ॥
Meaning: O, Mother! Your view is captivating, the very sight of which ensures the welfare of the devoted.

 

॥चौपाई – 5॥

तुम संसार शक्ति लय कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥ ५ ॥
अर्थात – संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है। जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है।
tuma sansara sakti laya kina ।
palana hetu anna dhana dina ॥ 5 ॥
Meaning: All the powers of the world rest in you, and it is you who provide food and money for the world’s continuance.

 

॥चौपाई – 6॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥ ६ ॥
अर्थात – अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं।
annapurna hu-i jaga pala ।
tuma hi adi sundari bala ॥ 6 ॥
Meaning: Like the feeding mother Annapurna, you nourish the whole universe, and you are the one who appears like the eternal Bala Sundari (young girl of extreme beauty).

 

॥चौपाई – 7॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥ ७ ॥
अर्थात – प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं। भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं।
pralayakala saba nasana hari ।
tuma gauri siva sankara pyari ॥ 7 ॥
Meaning: At the time of dissolution, it is you, O Mother, who destroys everything. You are the beloved wife of Lord Shiva, Gauri (Parvathi).

 

॥चौपाई – 8॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८ ॥
अर्थात – शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं। ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं।
siva jogi tumhare guna gavai ।
brahma-vishnu tumhen nita dhyavai ॥ 8 ॥
Meaning: Lord Shiva and all yogis eternally chant your praise; Brahma, Vishnu, and all other Gods ever meditate on you.

 

॥चौपाई – 9॥

रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा ॥ ९ ॥
अर्थात – आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया।
rupa sarasvati ko tuma dharyo ।
de subuddhi rsi munina ubaryo ॥ 9 ॥
Meaning: You also appear in the form of Goddess Saraswati to grant knowledge to the sages and thus ensure their well-being.

 

॥चौपाई – 10॥

धरा रूप नरसिंह को अम्बा ।
प्रगट भईं फाड़कर खम्बा ॥ १० ॥
अर्थात – हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं।
dharyo rupa narasimha ko amba ।
pragata bha-i phaRa ke khamba ॥ 10 ॥
Meaning: O Mother Amba, it was you who appeared in the form of Narasimha, splitting the pillar.

 

॥चौपाई – 11॥

रक्षा कर प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥ ११ ॥
अर्थात – आपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करके हिरण्यकश्यप को स्वर्ग प्रदान किया, क्योकिं वह आपके हाथों मारा गया।
raksa kari prahalada bacayau ।
hiranakusa ko svarga pathayau ॥ 11 ॥
Meaning: Hence, you protected Prahlaad and Hiranyakashyap also went to Heaven as your hands slew him.

 

॥चौपाई – 12॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२ ॥
अर्थात – लक्ष्मीजी का रूप धारण कर आप ही क्षीरसागर में श्री नारायण के साथ शेषशय्या पर विराजमान हैं।
laksmi rupa dharo jaga mahi ।
sri narayana anga samahi ॥ 12 ॥
Meaning: In the form of Goddess Lakshmi, O Mother, you appear in this world and rest by the side of Lord Narayana (i.e., Lord Vishnu).

 

॥चौपाई – 13॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥ १३ ॥
अर्थात – क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान हे दयासिन्धु देवी! आप मेरे मन की आशाओं को पूर्ण करें।
ksirasindhu me karata vilasa ।
daya sindhu dijai mana asa ॥ 13 ॥
Meaning: Dwelling on the Ocean of milk, O Goddess, with Lord Vishnu, please fulfill my desires.

 

॥चौपाई – 14॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥ १४ ॥
अर्थात – हिंगलाज की देवी भवानी के रूप में आप ही प्रसिद्ध हैं। आपकी महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है।
hingalaja men tumahi bhavani ।
mahima amita na jata bakhani ॥ 14 ॥
Meaning: O Bhavani, the famous goddess of Hingalaja is no one else but you yourself. Limitless is your glory and daring description.

 

॥चौपाई – 15॥

मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥ १५ ॥
अर्थात – मातंगी देवी और धूमावाती भी आप ही हैं भुवनेश्वरी और बगलामुखी देवी के रूप में भी सुख की दाता आप ही हैं।
matangi dhhmavati mata ।
bhuvanesvan bagala sukhadata ॥ 15 ॥
Meaning: You are yourself Matangi and Dhoomavati Mata. It is you who appear as Bhuvenshwari and Bagalamukhi Devi to present happiness to all.

 

॥चौपाई – 16॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६ ॥
अर्थात – श्री भैरवी और तारादेवी के रूप में आप जगत उद्धारक हैं। छिन्नमस्ता के रूप में आप भवसागर के कष्ट दूर करती हैं।
sri bhairavi tara jaga tarani ।
chinna bhala bhava duhkha nivarani ॥ 16 ॥
Meaning: It is you, who restore the world, appearing in the form of Shree Bhairavi, Tradevi, and Chhinamasta Devi, and end its sorrows.

 

॥चौपाई – 17॥

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥ १७ ॥
अर्थात – वाहन के रूप में सिंह पर सवार हे भवानी! लांगुर (हनुमान जी) जैसे वीर आपकी अगवानी करते हैं।
kehari vahana soha bhavani ।
langur bira chalata agavani ॥ 17 ॥
Meaning: You are relaxing gracefully upon your vehicle of Lion. O Goddess Bhavani, you are greeted by Lord Hanuman (the brave Langur).

 

॥चौपाई – 18॥

कर में खप्पर-खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजे ॥ १८ ॥
अर्थात – आपके हाथों में जब कालरूपी खप्पर व खड्ग होता है तो उसे देखकर काल भी भयग्रस्त हो जाता है।
kara me khappara khanga virajai ।
jako dekha kala dara bhajai ॥ 18 ॥
Meaning: When you appear in the form of Goddess Kali with a sword in one hand and a conch in the other, even time escapes in panic.

 

॥चौपाई – 19॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥ १९ ॥
अर्थात – हाथों में महाशक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र और त्रिशूल उठाए हुए आपके रूप को देख शत्रु के हृदय में शूल उठने लगते है।
sohal kara me astra trisula ।
jate uthata satru hiya sula ॥ 19 ॥
Meaning: Beholding you well-armed, with a Trident in your hand, the enemy’s heart throbs with the sting of fear.

॥चौपाई – 20॥

नगर कोटि में तुम्हीं विराजत ।
तिहुंलोक में डंका बाजत ॥ २० ॥
अर्थात – नगरकोट वाली देवी के रूप में आप ही विराजमान हैं। तीनों लोकों में आपके नाम का डंका बजता है।
naga koti me tumhi birajata ।
tihu loka me danka bajata ॥ 20 ॥
Meaning: You also repose in the form of the Devi at Nagarkot in Kangara. Thus all the three realms shiver in the force of your majesty.

 

॥चौपाई – 21॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥ २१ ॥
अर्थात – हे मां! आपने शुम्भ और निशुम्भ जैसे राक्षसों का संहार किया व रक्तबीज (शुम्भ-निशुम्भ की सेना का एक राक्षस जिसे यह वरदान प्राप्त था की उसके रक्त की एक बूंद जमीन पर गिरने से सैंकड़ों राक्षस पैदा हो जाएंगे) तथा शंख राक्षस का भी वध किया।
sumbha nisumbha danava tuma mare ।
raktabija sankhana samhare ॥ 21 ॥
Meaning: You slew the demons such as Shumbhu, Nishumbhu, and massacred a thousand forms of the dreaded demon Raktabeeja.

 

॥चौपाई – 22॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥ २२ ॥
अर्थात – अति अभिमानी दैत्यराज महिषासुर के पापों के भार से जब धरती व्याकुल हो उठी।
mahisasur nrpa ati abhimani ।
jehi agha ra mahi akulani ॥ 22 ॥
Meaning: When the earth was severely suffered by bearing the load of the sins of the buffalo demon Mahishasura.

 

॥चौपाई – 23॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥ २३ ॥
अर्थात – तब काली का विकराल रूप धारण कर आपने उस पापी का सेना सहित सर्वनाश कर दिया।
rupa karala kali ko dhara ।
sena sahita tuma tihi samhara ॥ 23 ॥
Meaning: You assumed the dreadful form of Goddess Kali and killed him along with his soldiers.

 

॥चौपाई – 24॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४ ॥
अर्थात – हे माता! संतजनों पर जब-जब विपदाएं आईं तब-तब आपने अपने भक्तों की सहायता की है।
pari bhira santana para jaba jaba ।
bha-i sahaya matu tuma taba taba ॥ 24 ॥
Meaning: Thus, whenever the faithful saints were distressed, it is you O Mother, who came to their salvation.

 

॥चौपाई – 25॥

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥ २५ ॥
अर्थात – हे माता! जब तक ये अमरपुरी और सब लोक विधमान हैं तब आपकी महिमा से सब शोकरहित रहेंगे।
amarapuri aru vasaba loka ।
tava mahima saba kahai asoka ॥ 25 ॥
Meaning: All the realms including the Amarpuri (divine realm) remain sorrowless and happy by your blessings, O Goddess!

 

॥चौपाई – 26॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी ॥ २६ ॥
अर्थात – हे मां! श्री ज्वालाजी में भी आप ही की ज्योति जल रही है। नर-नारी सदा आपकी पुजा करते हैं।
jwaalaa me hai jyooti tumhari ।
tumhe sada jujai nana-nari ॥ 26 ॥
Meaning: It is the symbol of your magnificence that is burning brightly at Shree Jwalaji. All men and women always worship you, O Mother!

 

॥चौपाई – 27॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावै ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥ २७ ॥
अर्थात – प्रेम, श्रद्धा व भक्ति सेजों व्यक्ति आपका गुणगान करता है, दुख व दरिद्रता उसके नजदीक नहीं आते।
prema bhakti se jo jasa gavai ।
duhkha daridra nikata nahi avai ॥ 27 ॥
Meaning: He who sings your glory with the devotion of love and sincerity remains beyond the reach of misery and hardship.

 

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॥चौपाई – 28॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८ ॥
अर्थात – जो प्राणी निष्ठापूर्वक आपका ध्यान करता है वह जन्म-मरण के बन्धन से निश्चित ही मुक्त हो जाता है।
dhyaven tumhai jo nara mana la-i ।
janma-marana so chuuti jaahi ॥ 28 ॥
Meaning: He who meditates upon your form with concentration goes beyond the cycle of births and deaths.

 

॥चौपाई – 29॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥ २९ ॥
अर्थात – योगी, साधु, देवता और मुनिजन पुकार-पुकारकर कहते हैं की आपकी शक्ति के बिना योग भी संभव नहीं है।
jogi sura-muni kahata pukari ।
yoga na ho-i bina sakti tumhari ॥ 29 ॥
Meaning: All the Yogis, Gods, and Saints openly declare that without your favor one cannot establish communication with God.

 

॥चौपाई – 30॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥ ३० ॥
अर्थात – शंकराचार्यजी ने आचारज नामक तप करके काम, क्रोध, मद, लोभ आदि सबको जीत लिया।
sankara acaraja tapa kino ।
kama, krodha jiti saba lino ॥ 30 ॥
Meaning: Shri Shankaracharya had done once a special penance called Acharaj and by which he had overcome his anger and desire.

 

॥चौपाई – 31॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥ ३१ ॥
अर्थात – उन्होने नित्य ही शंकर भगवान का ध्यान किया, लेकिन आपका स्मरण कभी नहीं किया।
nisidina dhyana dharo sankara ko ।
kahu kala nahl sumirau tumako ॥ 31 ॥
Meaning: He (Shankaracharya) always worshipped Lord Shankar and never for a moment pondered his mind on you.

 

॥चौपाई – 32॥

शक्ति रूप को मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२ ॥
अर्थात – आपकी शक्ति का मर्म (भेद) वे नहीं जान पाए। जब उनकी शक्ति छिन गई, तब वे मन-ही-मन पछताने लगे।
sakti rupa ko marama na payau ।
sakti ga-i taba mana pachitayau ॥ 32 ॥
Meaning: Since he (Shankaracharya) did not realize your immense glory, all his powers subsided, and the lamented heretofore.

 

॥चौपाई – 33॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥ ३३ ॥
अर्थात – आपकी शरण आकार उनहोंने आपकी कीर्ति का गुणगान करके जय जय जय जगदम्बा भवानी का उच्चारण किया।
saranagata hu-i kirti bakhani ।
jaya jaya jaya jagadamba bhavani ॥ 33 ॥
Meaning: Then, he (Shankaracharya) asked refuge in you, chanted your glory and sang ‘Victory, Victory, Victory’ to you O Jagdamba Bhavani.

 

॥चौपाई – 34॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥ ३४ ॥
अर्थात – हे आदि जगदम्बाजी! तब आपने प्रसन्न होकर उनकी शक्ति उन्हें लौटाने में विलम्ब नहीं किया।
bhai prasanna adi jagadamba ।
da-I sakti nahi kina bilamba ॥ 34 ॥
Meaning: Then, O Great Goddess Jagdambaji, you were satisfied, and in no time you presented him with his lost powers.

 

॥चौपाई – 35॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥ ३५ ॥
अर्थात – हे माता! मुझे चारों ओर से अनेक कष्टों ने घेर रखा है। आपके अतिरिक्त इन दुखों को कौन हर सकेगा?
moko matu kasta ati ghero ।
tuma bina kauna hare duhkha mero ॥ 35 ॥
Meaning: O, Mother! Severe sufferings distress me, and no one except Your Honoured Self can provide relief. Please end my pains.

 

॥चौपाई – 36॥

आशा तृष्णा निपट सतावे ।
मोह मदादिक सब विनशावै ॥ ३६ ॥
अर्थात – हे माता! आशा और तृष्णा मुझे निरन्तर सताती रहती हैं। मोह, अहंकार, काम, क्रोध, ईर्ष्या भी दुखी करते हैं।
Aasha thrushna nipata satavai ।
ripu murakha mohi ati dara pavai ॥ 36 ॥
Meaning: Hopes and wishes always bother me. All sort of passions and lust torment my heart ever.

 

॥चौपाई – 37॥

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥ ३७ ॥
अर्थात – हे भवानी! मैं एकचित होकर आपका स्मरण करता हूँ। आप मेरे शत्रुओं का नाश कीजिए।
satru nasa hije maharani ।
sumiro ikacitta tumhe bhavani ॥ 37 ॥
Meaning: Destroy my foes, O Queen; I remember you singlemindedly, O Bhavani!

 

॥चौपाई – 38॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला ॥ ३८ ॥
अर्थात – हे दया बरसाने वाली अम्बे मां! मुझ पर कृपा दृष्टि कीजिए और ऋद्धि-सिद्धि आदि प्रदान कर मुझे निहाल कीजिए।
krpa karo he matu dayala ।
kruddhi siddhi dai karahu nihaalaa ॥ 38 ॥
Meaning: O, forgiving Mother! Shower me your blessings and make me feel happy by bestowing me with all sorts of wealth and powers.

 

॥चौपाई – 39॥

जब लगि जियउं दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥ ३९ ॥
अर्थात – हे माता! जब तक मैं जीवित रहूँ सदा आपकी दया दृष्टि बनी रहे और आपकी यशगाथा (महिमा वर्णन) मैं सबको सुनाता रहूँ।
jaba lagi ji-u dayaphala paun ।
tumharau jasa mai sada suna-u ॥ 39 ॥
Meaning: O, Mother! May I be the repository of your grace as long as I live, ever recounting the feats of your glory to all.

 

॥चौपाई – 40॥

दुर्गा चालीसा जो नित गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४० ॥
अर्थात – जो भी भक्त प्रेम व श्रद्धा से दुर्गा चालीसा का पाठ करेगा, सब सुखों को भोगता हुआ परमपद को प्राप्त होगा।
durga chalisa jo ko-i gavai ।
saba sukha bhoga paramapada pavai ॥ 40 ॥
Meaning: He whoever sings this Durga Chalisa shall ever enjoy all sorts of pleasures and shall attain the highest position in the end.

 

Ending Line

देवीदास शरण निज जानी ।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥
अर्थात – हे जगदमबा! हे भवानी! ‘देविदास’ को अपनी शरण में जानकर उस पर कृपा कीजिए।
devidasa sarana nija jani ।
karahu krpa jagadamba bhavani ॥
Meaning: Deeming ‘Devidas’ to have solicited your shelter, O Mother of the world, Bhavani, grant me your
blessings!

जय माँ दुर्गा ।

श्री दुर्गा चालीसा का पाठ अति फलदायी माना जाता है। विशेषकर नवरात्रि में दुर्गा चालीसा पाठ भक्तों को माँ जगदंबा के कृपा का पात्र बनाता है। माँ दुर्गा अपने भक्तों का सदा कल्याण करती हैं, इसीलिए इन्हे जगतजननी माँ कल्याणी भी कहा जाता है। इस दुर्गा चालीसा का श्रद्धाभाव से  निरंतर पाठ करने वाला भक्त समस्त बाधाओं से मुक्त होकर सुख-शांति प्राप्त करता है।

Recitation of Shri Durga Chalisa is considered very fruitful. Reciting Durga Chalisa especially during Navratri makes the devotees worthy of the blessings of Maa Jagadamba. Mother Durga always does welfare of her devotees, that is why she is also called Mother Kalyani, the mother of the world. A devotee who continuously recites this Durga Chalisa with devotion becomes free from all obstacles and attains happiness and peace.

jay ma durga

 

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