महाकुंभ के दौरान गंगा-यमुना का पानी नहाने लायक था – केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

महाकुंभ के दौरान गंगा-यमुना का पानी नहाने लायक था – केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

देश की कोई नदी साफ नहीं-राज ठाकरे

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि महाकुंभ के दौरान गंगा औ यमुना नदी का पानी नहाने के लिए तय मानकों पर खरा उतरा है। ये रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को पेश की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा वेरिएबिलिटी के कारण स्टेटिस्टिकल एनालिसिस की दरकार थी। रिपोर्ट में कहा कि स्टेटिस्कल एनालिसिस की जरूरत इसलिए थी क्योंकि अलग-अलग तारीखों में सैंपल जमा किए गए थे और ये सभी सैंपल विभिन्न जगहों से लिए गए थे।

सही आकलन में क्या थी दिक्कतें?

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि अलग अलग सैंपल की वजह से पूरी नदी के पानी के सही आकलन करना बेहद मुश्किल था। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा है कि उसने महाकुंभ की शुरूआत के बाद से हर सप्ताह दो बार नदी के पानी की जांच और निगरानी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि 12 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक गंगा नदी की 5 जगहों और यमुना नदी की दो जगहों पर पानी की निगरानी की गई और इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमिटी तैनात थी।
CPCB ने पिछले महीने गंगा की पानी का बताया था गंदा
17 फरवरी को CPCB ने एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पैनल को बताया था कि महाकुंभ के दौरान कई स्थानों पर नहाने के लिए जल गुणवत्ता प्राथमिक मानकों पूरा नहीं करती है।
बोर्ड ने 17 फरवरी की रिपोर्ट में बताया था कि गंगा-यमुना की पानी में उच्च मात्रा में फीकल कोलीफार्म बैक्टीरिया (Fecal Bacteria)मिला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया था कि पानी में फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा 100 मिलीलीटर पानी में 2,500 यूनिट से बहुत ज्यादा मिली है।
देश की कोई नदी साफ नहीं-राज ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को गंगा नदी की स्वच्छता पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि देश की कोई भी नदी साफ नहीं है। ठाकरे अपने पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। MNS के प्रमुख ने कहा कि उनके पार्टी नेता, बाला नंदगांवकर ने महाकुम्भ से पवित्र जल लाया था, लेकिन उन्होंने इसे पीने से मना कर दिया।
एमएनएस चीफ ने कहा, “बाला नांदगांवकर कह रहे थे- ये गंगाजल पी लो। मैंने कहा मैं नहाने वाला नहीं हूं। और गंगाजल क्यों पीना चाहिए? वह पानी कौन पीएगा?…अभी अभी कोविड गया है। दो साल मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे। अब वहां जाकर स्नान कर रहे है। कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा? श्रद्धा का भी कुछ अर्थ होना चाहिए।‘राजीव गांधी के वक्त से सुन रहा गंगा होगी साफ’

राज ठाकरे ने कहा, “मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के बारे में कई वीडियो देखे हैं। मैंने कुछ लोगों को नदी में अपने शरीर को खरोंचते और धोते हुए देखा।” उन्होंने दावा किया कि भारत की कोई भी नदी साफ नहीं है। राज ठाकरे ने कहा, “मैं राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के समय से ‘गंगा जल्द साफ होगी’ के दावे सुन रहा हूं। अब इस मिथक से बाहर आने का समय है।”

Leave a Reply

error: Content is protected !!