ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन पर हो रही है रियल टाइम ट्रैकिंग, सबसे अधिक मरीजों का उपचार करने में डॉ पंकज आर्यन को मिला पहला स्थान
• जिला व राज्य स्तर से की जा रही है इस संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की मॉनिटरिंग
• सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिल रही है सुविधा
• जिला स्तर पर प्रतिदिन जारी किया जा रहा है चिकित्सकों की रैंकिंग
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा सारण (बिहार )
छपरा। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ईसंजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गई है। जिसके तहत ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। ईसंजीवनी टेली मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सकों के कार्यो की भी रियल टाइम ट्रैकिंग जिला एवं राज्य स्तर पर की जा रही है। मरीजों को स्पोक्स एंड हब प्रणाली के माध्यम से सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसी कड़ी में जिला स्वास्थ समिति की ओर से चिकित्सकों के कार्यों में गुणवत्ता लाने तथा प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर प्रतिदिन रैंकिंग जारी की जा रही है कि किस चिकित्सक के द्वारा कितने मरीजों के उपचार की गई। जिस आधार पर चिकित्सकों की रैंकिंग जारी की जा रही है तथा कम मरीजों को सेवा देने वाले चिकित्सकों को अधिक से अधिक मरीजों को सेवा देने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।
डॉ पंकज आर्यन को मिला पहला स्थान:
जिला स्वास्थ समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार को जारी रैंकिंग के अनुसार गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ पंकज आर्यन के द्वारा सर्वाधिक मरीजों का इलाज किया गया। इस प्रकार डॉ पंकज आर्यन मरीजों को देखने में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। द्वितीय स्थान डॉ अरविंद सिंह, सदर अस्पताल छपरा 61 मरीजों को देखकर प्राप्त किए हैं। तृतीय स्थान डॉ अनंत नारायण कश्यप प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मसरख के द्वारा 31 मरीजों को देखकर प्राप्त किया गया।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिल रही सुविधाएं:
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होने से मरीजों को परेशानी होती है। ऐसे मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मरीज टेलीफोन पर ही चिकित्सा से संबंधित परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढ़े
नए कानून से दूर हुई खामियां, उपभोक्ता संरक्षण का नया Law व अधिकार.
इस्ट जोन निशानेबाज़ी में विज्ञानानंद शूटिंग क्लब का दबदबा
झारखंड में प्रशिक्षित बेरोजगारों को मिलेगा भत्ता.
बिहार में खगड़िया के कोचिंग सेंटर में लगी आग से दो छात्र जिंदा जले.
T20 में निर्णायक फिफ्टी बनाने वाले ईशान किशन को सीएम नीतीश ने दी बधाई.
सोनू सूद एक लाख लोगों को देंगे नौकरी, यदि आप भी जॉब की तलाश में है तो पढ़ें यह खबर
बैंक हड़ताल से 16,500 करोड़ रुपये मूल्य के चेक नहीं हो पाए क्लियर.
बाटला एनकाउंटर के बाद लगभग पूरी तरह खत्म हो गया इंडियन मुजाहिदिन: करनैल सिंह