म्यांमार में भूकंप से 144 लोगों की मौत हुई
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इसके चलते इमारतें, पुल और बांध तक नष्ट हो गए। म्यांमार में भूकंप की चपेट में आने से 144 लोगों की मौत हो गई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में निर्माणाधीन इमारत ढहने से 8 लोगों की मृत्यु हो गई। प्रभावित शहरों की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिनमें भारी तबाही को देखा जा सकता है।
म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने शुक्रवार शाम टेलीविजन पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि कम से कम 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 730 अन्य घायल हुए हैं। अभी मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार दोपहर 7.7 तीव्रता का भूंकप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट था। मुख्य झटके के बाद भी 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया किया। म्यांमार की सैन्य सरकार ने राजधानी नेपीता और मांडले सहित 6 क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा कर दी। हालांकि, देश में लंबे समय से चल रहे हिंसक गृहयुद्ध के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि प्रभावित क्षेत्रों तक सहायता कैसे पहुंच रही है।
रेड क्रॉस ने कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से उनकी टीमों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रेड क्रॉस ने कहा, ‘शुरुआती जमीनी खबरों से संकेत मिल रहा है कि भूकंप से काफी नुकसान हुआ है। मानवीय सहायता को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।’
मलबे में दबे लोगों को ढूंढना बनी चुनौती
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत धूल के गुबार के साथ ढहती नजर आ रही है, जबकि वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। बचावकर्मियों का कहना है कि मलबा अभी भी इतना अस्थिर है कि वे उसके नीचे फंसे लोगों को ढूंढ़ने का प्रयास नहीं कर सकते। बैंकॉक में दूसरे स्थानो पर लोगों को उनकी इमारतों से बाहर निकालने को कहा गया है।
उन्हें आगाह किया गया कि और अधिक झटके आने की आशंका के मद्देनजर घरों से बाहर ही रहें। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया, जिसका केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार में था। भूकंप के तुरंत बाद अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। चेतावनी सायरन की आवाज पूरे मध्य बैंकॉक में गूंज उठी और सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ गई। इससे शहर की पहले से ही भीड़भाड़ वाली कुछ सड़कें और भी जाम हो गईं। एलिवेटेड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और सबवे को बंद कर दिया गया था।
बिम्सटेक क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा- जयदीप मजूमदार
म्यांमार-थाईलैंड भूकंप पर सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा, ‘बिम्सटेक क्षेत्र में मौसम की चरम घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहता है। इसकी प्रासंगिकता आज म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप में देखी जा सकती है। आपदा प्रबंधन में सहयोग और एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) अभ्यासों के माध्यम से हमारे आपदा प्रबंधन अधिकारियों के बीच सहयोग भारत के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है’।
म्यांमार में हुए नुकसान की रिपोर्ट का विश्लेषण जारी- विदेश सचिव
म्यांमार-थाईलैंड भूकंप पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘हम वर्तमान में मुख्य रूप से म्यांमार में हुए नुकसान की रिपोर्ट का विश्लेषण कर रहे हैं। हम म्यांमार के अधिकारियों के संपर्क में हैं और सहायता और राहत सामग्री की सटीक आवश्यकताओं पर भी विचार कर रहे हैं। जब भी इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं आई हैं, भारत हमेशा पड़ोस में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है’।
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