भूकंप से दहल गई थाईलैंड और म्यांमार,कइयों की हुई मौत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
- भूकंप से म्यांमार में भारी तबाही हुई है. अब तक 20 लोगों के मारे जाने की खबर है.
- थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में भी भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए और वहां कई इमारतों को खाली कराया गया है.
- भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास था.
शुक्रवार सुबह म्यांमार में भूकंप के दो बड़े झटके आए. भूकंप पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण USGS की साइट पर इसकी तीव्रता 7.7 थी. कुछ देर बाद भारत में नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की साइट पर इसे रिवाइज कर 7.5 बताया गया. दूसरा भूकंप 7.0 का आया. म्यांमार में 7.7 की तेजी वाला पहला भूकंप सागाइंग क्षेत्र में आया. इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी.
बैंकॉक में भी तेज भूकंप, पूल से बाहर आया पानी
म्यांमार के अलावा बैंकॉक में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, दफ्तरों और दुकानों को खाली कराया गया. एएफपी के मुताबिक चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान में भूकंप महसूस किया गया. बैंकॉक में लोगों ने बताया कि लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए और स्विमिंग पूल से पानी निकलने लगा.
बैंकॉक में भूकंप इतना तेज था कि लोग बुरी तरह सहम गए. लोग ऊंची बिल्डिंग और ऊंची इमारतों से बाहर आ गए. बैंकॉक सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है. भूकंप इतना शक्तिशाली था कि ऊंची इमारतों की ऊंची मंजिलों सहित पूलों से पानी बाहर निकल आया। भूकंप के दौरान इमारतें हिलने लगीं, इसलिए कई लोगों को सुरक्षा के लिए बाहर निकाला गया. भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में, मोनीवा से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में स्थित था.
सागाइंग फॉल्ट दुनियाभर के तमाम देशों में भूकंप के सबसे बड़े भूकंप आने वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आए हैं. म्यांमार के इतिहास में सबसे घातक भूकंप, 23 मई, 1912 को ताउंगगी के पास आया था. जिसकी तीव्रता 7.9 थी, जिससे काफी नुकसान हुआ और लोग हताहत हुए. ये भूकंप स्थानीय समयानुसार 08:48 बजे, ताउंगगी से 21 मील (33 किमी) उत्तर-पश्चिम में आया था, जिससे भारी तबाही हुई.
सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आया है, उसमें कई बिल्डिंग जमींदोज होती दिखाई दे रही है. लोग डर के मारे घरों से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं. बड़ी-बड़ी बिल्डिंग पलभर में धराशायी हो गई. हालांकि एनडीटीवी इन वीडियो की अभी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है.
क्यों आते हैं भूकंप
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है. ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं. इस टक्कर की वजह से प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं. ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है.
भूकंप आने पर क्या करें?
- अपना संयम बनाए रखें
- हाई-राईज बिल्डिंग के पहले या दूसरे फ्लोर पर हों तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर आएं
बिल्डिंग के अंदर
- बंद दरवाजों के भीतर किसी कमरे में हों तो इमारत के बीच में कहीं दीवार के सहारे खड़े हो जाएं
- किसी टेबल या डेस्क के नीचे बैठ जाएं
- खिड़कियों और बाहर खुलने वाले दरवाजों से दूर रहें
- बड़े आइटम जैसे कैबिनेट्स, अलमारी और फ्रिज वगैरह से दूर रहें
बिल्डिंग से बाहर निकलते समय
- टूटी-फूटी चीजों को देखते हुए निकलें
- टूटे कांच या टूटी बिजली की तारों से बचकर रहें
विशेष सावधानियां
- अगर आपके ऊपर सीलिंग टूटकर गिरने लगे या आस-पास इमारत गिरने लगे तो अपने मुंह और नाक को किसी कपड़े, स्कार्फ या रूमाल से ढक लें
- अगर आप भूकंप के दौरान किसी सड़क पर हैं तो खुले स्थान पर आने की कोशिश करें और बिल्डिंग, पुल और बिजली के खंबों से दूर रहें
- अगर आप किसी चलती गाड़ी में हैं तो अपनी स्पीड कम कर लें और रोड के साइड में जहां गाड़ी खड़ी की जा सकती है वहां गाड़ी रोक लें.
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