पान खाने का शौक साबित हो सकता है जानलेवा.

पान खाने का शौक साबित हो सकता है जानलेवा.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बनारसी पान खाने का शौक रखने वालों के लिए यह चौकाने वाली खबर है। शहर स्थित मल्‍टी स्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल में मंगलवार को डाक्‍टरों ने काफी मशक्‍कत के बाद एक व्‍यक्ति के फेफडे से सुपाड़ी का एक बड़ा टुकड़ा निकालकर किसी तरह उसकी जान बचायी। इस बाबत चेस्‍ट रोग विशेषज्ञ डा. विकास जायसवाल ने जागरण को बताया कि एक मरीज सलीम पान खाने का शौकीन था। किसी समय पान खाते वक्‍त अचानक सांस फूलने लगी तो आनन फानन अस्‍पताल पहुंचे। बताया कि अस्‍पताल पहुंचने पर आक्‍सीजन का स्‍तर लगातार कम होता जा रहा था। जान बचाने की सूरत कम ही नजर आने के बीच आनन फानन फेफड़े में सीटी स्‍कैन के जरिए एक टुकड़ा होने की जानकारी सामने आने के बाद आनन फानन उसे बाहर निकालने की तैयारी शुरू की गई। काफी मशक्‍कत के बाद पान के शौकीन की जान बची तो चिकित्‍सक और उनकी टीम ने राहत की सांस ली।

नई दिल्‍ली के मैक्‍स हॉस्पिटल के भी चिकित्‍सक रह चुके डा. विकास जायसवाल उस समय सीटी स्‍कैन रिपोर्ट देखकर चौंंक गए जब एक व्‍यक्ति के फेफड़े में पान की सुपाड़ी का एक टुकड़ा फंसा हुआ नजर आया। आनन फानन मरीज की जान बचाने के लिए दूरबीन विधि से फेफड़े से सुपाड़ी का टुकड़ा किसी तरह निकाला। बताया कि मशक्‍कत के बाद फेफड़े से टुकड़ा निकालने के बाद मरीज को काफी राहत है और उसे अब सांस लेने में कोई परेशानी भी नहीं है। उम्‍मीद है कि अब वह जल्‍द ही स्‍वस्‍थ होकर अपने घर जा सकेगा। वहीं मरीज ने सुपाड़ी का टुकड़ा फेफड़े तक पहुंचने पर हैरानी जाहिर करते हुए पान से तौबा करने की बात कही है।

चिकित्‍सक डा. विकास जायसवाल ने जागरण को बताया कि पान के शौकीन मरीज को अचानक सांस फूलने की समस्‍या हुई तो उसने संपर्क किया। अस्‍पताल में जांचा गया तो उसका आक्‍सीजन स्‍तर भी लगातार कम होता जा रहा था। आनन फानन सीटी स्‍कैन के जरिए ब्रॉन्‍कोस्‍कोपी के माध्‍यम से जांच कर असल वजह की पड़ताल की गई तो फेफड़े में एक टुकड़ा नजर आया। दूरबीन विधि से इसकी पड़ताल की गई और उसको बाहर निकाला गया तो यह बड़ा पान के साथ खाया जाने वाला सुपाड़ी का एक टुकड़ा निकला। चिकित्‍सक के अनुसार लापरवाही से पान खाने और सांस लेने के दौरान किन्‍हीं वजहों से पान के साथ यह टुकड़ा भी फेफड़े में चला गया और जानलेवा बन गया। समय रहते उसे आपरेट कर निकाल देने की वजह से मरीज की जान बच गई।

Leave a Reply

error: Content is protected !!