निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी के 4 मरीजों को बुजुर्ग महिला ने ली गोद:
निजी अस्पतालों में नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल में कराएं इलाज़: सीडीओ
कुशल गृहिणी ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए चार मरीज़ों को ली गोद: डॉ सौरभ
निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र से कर सकते हैं संपर्क: डीपीएस
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,(बिहार):
जिले में यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। यक्ष्मा उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निक्षय मित्र कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। निक्षय मित्र योजना के तहत समाज के सक्षम व्यक्ति और जनप्रतिनिधि टीबी के मरीजों को गोद लेकर उनके इलाज तथा पोषण में सहयोग कर सकते हैं। इसी कड़ी में एआरटी के चिकित्सक डॉ सौरभ की माता जी ने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर चार मरीज़ों को गोद ली है। इस अवसर पर एआरटी के चिकित्सा प्रभारी डॉ सौरभ कुमार, जिला यक्ष्मा केन्द्र के डीपीएस राजेश कुमार शर्मा, लिपिक तपन कुमार मिश्रा, एसटीएलएस प्रिया कुमारी, परामर्शी श्वेता कुमारी, राजनाथ झा, जयदेव कुमार, सुनील कुमार शास्त्री, टीबी चैंपियन साक्षी गुप्ता सहित कई अन्य कर्मी उपस्थित थे।
निजी अस्पतालों में नहीं जाएं बल्कि सरकारी अस्पताल में कराएं इलाज़: सीडीओ
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक जिले से टीबी को पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह प्रयासरत है। लेकिन अब जरूरत है। लोगों के जागरूक होने की। ताकि टीबी के खिलाफ लड़ाई जीती जा सके। जिले के सभी सरकारों अस्पतालों में इसके इलाज को लेकर सभी तरह के जांच की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद देखा जा रहा है कि कुछ लोग इलाज कराने के लिए बड़े-बड़े निजी अस्पताल या फिर शहरों की ओर जाते हैं। फिर वहां से निराश होकर जिले के सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटना पड़ता है। लेकिन ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। टीबी बीमारी के बारे में जानकारी मिलते ही सबसे पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल ही जाएं। क्योंकि जिले में अब टीबी के इलाज के साथ मुकम्मल निगरानी और अनुश्रवण की व्यवस्था उपलब्ध है।
कुशल गृहिणी ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए चार मरीज़ों को ली गोद: डॉ सौरभ
एआरटी केंद्र के प्रभारी डॉ सौरभ कुमार ने बताया कि मेरी माता मंजू सिंह द्वारा टीबी के चार रोगियों को गोद लेने पर निक्षय मित्र बनाया गया है। वह रानीपतरा के बिंदा राय, ख़ुश्की बाग की सुगनी खातून, हरदा बहादुरपुर की मीरा कुमारी एवं गिरजा चौक की सीमा कुमारी को लगातार छः महीने तक पौष्टिक आहार के लिए अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन पूरा करने को लेकर आगे बढ़ी हैं। इसी तरह जिलेवासियों से भी अपील की जाती है कि आप सभी टीबी मरीज़ों को गोद लेकर जिला ही नही बल्कि राज्य एवं देश से टीबी मुक्त अभियान में शामिल होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
निक्षय मित्र बनने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र से कर सकते हैं संपर्क: डीपीएस
यक्ष्मा केंद्र के डीपीएस राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद्र से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन करने के बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक करना होगा। उसके बाद निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देना होता है। इसके बाद ही इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा इस निक्षय हेल्प लाइन नंबर- 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पौष्टिक आहार के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी।
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