चुनाव के लिए 10 से 12 मार्च के बीच हो सकता है तारीखों की घोषणा

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जम्मू-कश्मीर के दौरे में चुनाव आयोग संतुष्ट हुआ तो लोकसभा के साथ ही वहां विधानसभा चुनाव का भी ऐलान हो सकता है। आयोग ने फरवरी के अंत तक या मार्च के पहले हफ्ते में राज्य की चुनावी तैयारियों को जांचने का कार्यक्रम बनाया है। इससे पहले राज्य के आला अधिकारियों से तैयारियों से जुड़ी जानकारी साझा करने को भी कहा है।

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर यह सक्रियता तब दिखाई है, जब राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर लंबे समय से इंतजार है। राज्य की विधानसभा सीटों को लेकर चल रहे परिसीमन व मतदाता सूची का पुनरीक्षण पूरा हो चुका है।

आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो लोकसभा के साथ ही राज्य की विधानसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों को जांचने के लिए जल्द ही आयोग की टीम जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। जो फरवरी के अंत में या मार्च के पहले हफ्ते में जा सकती है। इससे पहले आयोग ने चुनावी तैयारियों से जुड़े राज्य के आला अधिकारियों से सारी जानकारी मांगी है। लोकसभा चुनाव के साथ देश के जिन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव होने है, उनमें ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम शामिल है।

आयोग की ओर से इस बीच जिस तरह के संकेत मिल रहे है, उसके तहत लोकसभा चुनाव की घोषणा 10 से 12 मार्च के बीच कभी भी हो सकती है। आयोग ने इसे लेकर अपनी तैयारियां भी तेज कर दी है। प्रमुख चुनावी राज्यों के दौरा भी शुरू कर दिया है। मतदाता सूची की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई है। गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव का ऐलान 10 मार्च को किया गया था।

आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कीं

आयोग ने इसे लेकर अपनी तैयारियां भी तेज कर दी है। प्रमुख चुनावी राज्यों के दौरा भी शुरू कर दिया है। मतदाता सूची की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई है। गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव का ऐलान 10 मार्च को किया गया था। –

आगामी आम और विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग (EC) ने रेलवे से CAPF कर्मियों के लिए सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में लगभग 3.4 लाख से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की मांग की है जो अगले कुछ महीनों में सैनिकों की इस मेगा क्रॉस-कंट्री आवाजाही की निगरानी करेगा। इस अभ्यास अवधि के दौरान कोचों में पंखे और एयर कंडीशनिंग, भोजन, मार्ग के स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधाओं, विशेष और स्प्लिंटर बोगियों की उपलब्धता और वैगनों में कीट नियंत्रण की पर्याप्त व्यवस्था करना शामिल होगा।

पिछले हफ्ते रेलवे बोर्ड को जारी एक पत्र में चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और विभिन्न राज्यों से बुलाए गए पुलिस बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती आवश्यक है। वे क्षेत्र प्रभुत्व, विश्वास निर्माण उपाय, मतदान दिवस कर्तव्य और ईवीएम/केंद्रों की सुरक्षा आदि का कार्य को सुनिश्चित करेंगे।

आगामी आम चुनावों और विधानसभा चुनावों के आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों की कम से कम 3,400 कंपनियों की मांग की गई है।

चुनाव आयोग ने कहा कि रोलिंग स्टॉक की उपलब्धता का मुद्दा नवंबर-दिसंबर 2023 में हाल के चुनावों में दोहराया गया, जिसके परिणामस्वरूप बलों की आवाजाही में देरी हुई। चुनाव आयोग ने रेल मंत्रालय से इस आंदोलन के सुचारू समन्वय के लिए अपने मुख्यालय और जोनल कार्यालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने, रोलिंग स्टॉक (बोगियों) की उपलब्धता सुनिश्चित करने, सुरक्षा कर्मियों के लिए आरामदायक बैठने और आराम की व्यवस्था और आवश्यक सुविधाओं के प्रावधान को सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

मंत्रालय को स्वच्छता बनाए रखने के लिए सफाई कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करने और कोचों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए कीट नियंत्रण उपाय करने के अलावा भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) को कर्मियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देने के लिए भी कहा गया है।

 

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