महाराष्ट्र में 20 नवम्बर और झारखंड में 13 व 20 नवम्बर को होंगे चुनाव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा का चुनावी बिगुल बज चुका है। इसी संदर्भ में चुनाव आयोग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र की चुनाव तारीख का एलान कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं झारखंड में 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे। चुनाव आयुक्त की घोषणा के अनुसार, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी परिणाम एक साथ 23 नवंबर को आएंगे।
मुख्य बातें
- राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में सबसे पहले हरियाणा और जेएंडके की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की जनता ने खूब बढ़ चढ़कर वोट किया।
- महाराष्ट्र में इस बार 1 लाख 186 पोलिंग बूथ होंगे। वहीं कुल मतदाता 9 करोड़ 63 लाख हैं।
- झारखंड में कुल वोटर्स की संख्या 2 करोड़ 60 लाख वोटर्स हैं जिसमें 1 करोड़ 29 लाख महिला वोटर्स हैं।
- झारखंड में पुरुष वोटरों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख है।
- 85 वर्ष की उम्र से ज्यादा के मतदाता घर से मतदान कर पाएंगे।
महाराष्ट्र में होगी कांटे की टक्कर
महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दरअसल, शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंटने के बाद पहले बार विधानसभा चुनावों में आमने सामने होगी। उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार गुट की एनसीपी जहां महा विकास अघाड़ी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो वहीं शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी महायुति गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और 48 में से 30 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने केवल 17 सीटें जीती थीं। हालांकि, हरियाणा में चुनाव जीतने के बाद भाजपा का जोश फिर हाई होगा।
महाराष्ट्र की 288 सीटों पर है चुनाव
बता दें कि वर्तमान में महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 विधानसभा सीटों में महायुति गठबंधन के पास 218 सीटें हैं। भाजपा (106),शिवसेना (40), एनसीपी (40), बीवीए (3), पीजेपी (2), मनसे (1), आरएसपी (1), पीडबल्यूपीआई (1), जेएसएस (1) और निर्दलीय (12) हैं।
वहीं, महाअघाड़ी यानी विपक्ष के पास 77 सीटें हैं। इसके अलावा चार विधायकों ने किसी गठबंधन को समर्थन नहीं दिया है। एक सीट खाली है।
झारखंड में 81 सीटों पर चुनाव
बता दें कि झारखंड में 81 सीटों पर चुनाव होंगे। यहां JMM-CONG-RJD गठबंधन की सरकार बनी थी और मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन को चुना गया था। 2019 में JMM ने 30, कांग्रेस ने 16, RJD ने एक और बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राजीव कुमार ने मीडिया, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से एग्जिट पोल और परिणाम के दिन आए रुझानों के प्रति अपने नजरिए पर फिर से विचार करने का आग्रह किया।
‘एग्जिट पोल्स पर हमारा नियंत्रण नहीं’
राजीव कुमार ने बताया, एग्जिट पोल्स के जरिए एक अपेक्षाएं तय हो जाती हैं। इससे बहुत बड़ा भटकाव आ जाता है। यह आत्मचिंतन और आत्ममंथन का विषय है। एग्जिट पोल्स पर हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन यह चिंतन की जरूरत है कि इसके नमूने का आकार क्या था, सर्वेक्षण कहां हुआ, उसके निष्कर्ष कैसे आए। अगर निष्कर्ष चुनाव नतीजों से मेल नहीं खाते तो किसकी जिम्मेदारी है।
राजीव कुमार ने इसको लेकर आगे कहा, इन सभी की जांच होनी चाहिए। राजीव कुमार ने कहा कि, अब समय आ गया है कि इसका नियमन करने वाली संस्थाएं इस ओर देखेंगी। उन्होंने मीडिया आउटलेट्स, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक आउटलेट्स को परिणाम के दिनों में एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान प्रकाशित करने की प्रथा के बारे में चेतावनी भी दी।
ईवीएम की पहली गिनती कब होती शुरू?
मतगणना आमतौर पर चुनाव समाप्त होने के तीन दिन बाद होती है। शाम 6 बजे से उम्मीदें बननी शुरू हो जाती हैं, लेकिन इन शुरुआती खुलासों का कोई आधार नहीं है। जब गिनती शुरू होती है तो शुरुआती नतीजे 8.05 या 8.10 बजे तक आ जाते हैं, जो बेतुका है। ईवीएम की पहली गिनती सुबह 8.30 बजे ही शुरू हो जाती है।
क्या इन शुरुआती रुझानों का मकसद एग्ज़िट पोल को मान्य करना है? राजीव कुमार ने आगे बताया, ‘हम सुबह 9.30 बजे अपनी वेबसाइट पर आधिकारिक परिणाम प्रकाशित करना शुरू करते हैं। तब तक, वास्तविक परिणाम अक्सर पहले के रुझानों के उल्टे होते हैं, जिससे एक बेतुकी स्थिति पैदा हो जाती है। अपेक्षाओं और सामने आए वास्तविक परिणामों के बीच यह अंतर गंभीर मुद्दों को जन्म दे सकता है, कभी-कभी निराशा में बदल जाता है। यह एक ऐसा मामला है जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।”