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प्रख्यात साहित्यकार रामदरश जी ने मनाया अपना 99वाँ जन्मदिवस - श्रीनारद मीडिया

प्रख्यात साहित्यकार रामदरश जी ने मनाया अपना 99वाँ जन्मदिवस

प्रख्यात साहित्यकार रामदरश जी ने मनाया अपना 99वाँ जन्मदिवस

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कई पुस्तकें और पत्रिकाएं लोकार्पित हुईं

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यह एक विरल अवसर था जब हिंदी विश्व के वरिष्ठ लेखक प्रो रामदरश मिश्र ने आजादी के अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 को अपना 99 वाँ जन्मदिवस आत्मीय लेखकों के बीच अपने घर पर ही मनाया। इस अवसर पर उनकी रचनाओं और उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर केंद्रित कई पुस्तकों और पत्रिकाओं का लोकार्पण किया गया।

सर्वभाषा ट्रस्ट दिल्ली की ओर से डा रामजन्म मिश्र, डा ओम निश्चल और केशव मोहन पाण्डेय ने उन्हें ‘साहित्य मार्तंड सम्मान’ से विभूषित किया।

उनके जन्मदिन के इस अवसर पर हिंदी का सुपरिचित संसार वहां मौज़ूद था। रामदरश जी के साथ उनकी पत्नी सरस्वती जी विराजमान थीं तो उनके इर्द गिर्द डा प्रेम जनमेजय, डा सुरेश ऋतुपर्ण, श्री प्रताप सहगल, डा शशि सहगल, श्री अनिल जोशी, डा पवन माथुर, डा रामजन्म मिश्र, डा राहुल, ओम निश्चल, डा जसवीर त्यागी, डा वेदमित्र शुक्ल, श्री शशिकांत, श्री ताराचंद शर्मा नादान, डॉ हरिविष्णु गौतम (बरेली), श्री हरिशंकर राढ़ी, श्री अनिल मीत, श्री नरेश शांडिल्य, प्रो स्मिता मिश्र और सुधी अलका सिन्हा आदि इस उल्लास को जी रहे थे।

इसी दिन जन्मे सुपरिचित गजल गो नरेश शांडिल्य को भी लोगों ने जन्मदिन की बधाई दी और उन्होंने अपनी दो प्रिय ग़ज़लें सुनाई। अलका सिन्हा जी अपने सुघर संचालन से कार्यक्रम की एक एक कड़ी को तरतीब दे रही थीं।

कुछ कविताएं, कुछ संस्मरण

जन्मदिन के इस खास मौके पर सबसे पहले रामदरश जी ने लोगों के अनुरोध पर अपनी कुछ कविताएं सुनाई, कुछ गजलें और मुक्तक भी। उनकी छोटी कविताओं का प्रभाव किसी जादू से कमतर नहीं था। ये कविताएं दिल्ली के उमस भरे वातावरण को भी जैसे अपनी मुक्त हवाओं से भर रही थीं। उसके बाद रामदरश जी ने गुरुवर आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी को याद किया और एक एक कर उनके अनेक यादगार संस्मरण सुनाए। बीच बीच में पथ के साथियों नामवर सिंह ठाकुर प्रसाद सिंह शंभूनाथ सिंह शिवप्रसाद सिंह चंद्रबली पाण्डेय, केशव प्रसाद जी आदि को भी याद किया। अपने शुरुआती जीवन संघर्ष की यादें भी ताजा की।

उनका जन्मदिन उनकी किताबों के उत्सव का दिन भी हो जाता है। हर साल उनकी और उन पर अनेक किताबें लोकार्पित होती हैं। इस साल भी कई किताबे लोकार्पित हुई।

पुस्तकें लोकार्पित
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प्रतिनिधि कहानियां (सं.ओम निश्चल),राजकमल,दिल्ली
प्रतिनिधि कविताएं(सं.ओम निश्चल), राजकमल,दिल्ली
लौट आया हूं मेरे देश,सर्वभाषा ट्रस्ट,दिल्ली
समवेत। अमन प्रकाशन। कानपुर
स्मृतियों के छंद। प्रलेक।मुंबई
कवि के मन से। नेटबुक्स। दिल्ली
रामदरश मिश्र : एक मूल्यांकन।शशिभूषण शीतांशु
सुरभित स्मृतियां। हंस प्रकाशन।दिल्ली
गांव की आवाज(सं. वेद मित्र शुक्ल), हंस प्रकाशन।दिल्ली

पत्रिकाएं लोकार्पित
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साथ ही कई पत्रिकाओं के विशेष अंक लोकार्पित किए गए जिनके अंक मिश्र जी पर केंद्रित थे या उनमें उन पर विशेष सामग्री प्रकाशित हुई है:
सम्यक अभिव्यक्ति, संपादक- हरेराम त्रिपाठी ‘चेतन’
बरोह, संपादक डा शशि भूषण शीतांशु
पहला अंतरा, संपादक नरेंद्र दीपक

रामदरश जी के काव्यपाठ और संस्मरण सत्र का लाइव प्रसारण फेसबुक पर मिश्र जी के देश विदेश के पाठकों प्रशंसकों के लिए चल रहा था जिसका नियमन कर रही थीं उनकी बेटी प्रो स्मिता मिश्र। शाम पांच बजे आरंभ रामदरश मिश्र जन्मोत्सव कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। लोग इस बात के लिए उत्सुक और प्रतिश्रुत दिखे और डा प्रेम जमेजय का सुझाव था कि अगले वर्ष जन्मशती आरंभ होने के अवसर पर किसी केंद्रीय जगह पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाय जिसका सभी ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।

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