एनक्वास: आयुष्मान आरोग्य मंदिर शीतलपुरडीह का नेशनल टीम ने किया असेस्मेंट
• केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दो सदस्यीय टीम ने कई बिन्दुओं पर मूल्यांकन
• राज्य स्तरीय असेस्मेंट में राज्य में मिला था पहला स्थान
• ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों को मिल रही है उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्राा,अमनौर/छपरा (बिहार):
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य सेवाओं के गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत स्वास्थ्य केंद्रों का प्रमाणीकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा दो सदस्यीय राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की टीम ने जिले के दिघवारा प्रखंड के शीतलपुरडीह स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का असेस्मेंट किया गया। टीम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से डॉ. विक्रम शर्मा और डॉ. साकेत अरोड़ा शामिल थे।
इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र की आधार भूत संरचना, दवा की रख-रखाव और उपलब्धता, जाँच घर, टीकाकरण कक्ष, प्रसव पूर्ण जाँच कॉर्नर, परिवार नियोजन कॉर्नर, बायो मेडिकल बेस्ट प्रबंधन, डाक्यूमेंट्स, मरीजों को मिलने वाली सेवाएं आदि का जाँच किया। साथ हीं ड्यूटी पर तैनात सीएचओ और एएनएम से आवश्यक पूछताछ की गयी। निरीक्षण के दौरान टीम ने केंद्र पर इलाज कराने आए मरीजों से बातचीत की। इस मौके पर आरपीएम प्रशांत कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रौशन कुमार, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, सीएचओ विकास कुमार, बीएचएम रिचा कुमारी, बीसीएम सुधा कुमारी, बीएमएनई अनिता कुमारी, एएनएम रजनी कुमारी, पीएसआई इंडिया के राजीव श्रीवास्तव, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए कम से कम 70% अंक आवश्यक:
आरपीएम प्रशांत कुमार ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर शीतलपुरडीह पहले राज्य स्तर से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत सर्टिफाइड हो चुका है। राज्य स्तरीय रैंकिंग में इस सेंटर को कुल 94 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था। 94 प्रतिशत अंक के साथ राज्य में पहला स्थान मिला था। राज्य स्तर से प्रमाणित होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई किया गया था। जिसके बाद सेंट्रल टीम ने मूल्यांकन किया गया। नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए कम से कम 70% अंक आवश्यक है। अगर यह सेंटर नेशनल सर्टिफाइड हो जाता है तो केंद्र सरकार द्वारा 3 साल तक प्रत्येक वर्ष 1.26 लाख रूपये दिया जायेगा। जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर के उन्नयन में ख़र्च किया जायेगा।
विभिन्न मानकों पर किया जाता है मूल्यांकन:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना:
दिघवारा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रौशन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना है। इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। इन मानकों में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, उपचार की प्रक्रिया और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं। साथ ही, मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के पालन की भी जांच की जाती है। एनक्वास का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी गुणवत्ता का आकलन करने और उसे सुधारने के लिए प्रेरित करना है, ताकि नागरिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
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