Bihar सिपाही भर्ती परीक्षा की जांच के लिए EOU ने बनाई 2 IPS, 6 DSP, 13 इंस्पेक्टर की लंबी-चौड़ी SIT
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में अनियमितता और कदाचार मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अब तक हुए सभी 74 केस को टेक ओवर कर लिया है. इस बात की जानकारी आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने दी.
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस मामले के गुणवत्तापूर्वक अनुसंधान के लिए आर्थिक अपराध इकाई की एक विशेष अनुसंधान टीम यानी एसआईटी का गठन किया गया है.आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. इस एसआईटी में सहयोग करने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार के अलावा 6 डीएसपी, 13 इंस्पेक्टर और दो पुलिस अवर निरीक्षकों को लगाया गया है.
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खा की मानें तो इस मामले में प्रतिदिन केस की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी ने बताया कि जरूरत पड़ने पर इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई अपने ही थाने में केस दर्ज कर सकती है.उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम पटना पुलिस की विशेष टीम द्वारा नालंदा से गिरफ्तार किए गए क्यूआरटी के जवान कमलेश को पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है.
सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक अनियमितता की जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार पुलिस मुख्यालय से पुलिस पदाधिकारियों की बड़ी संख्या में मांग की है और मुख्यालय स्तर पर जांच के लिए कई पुलिस पदाधिकारियों को आर्थिक अपराध इकाई से संबद्ध किया गया है. मालूम हो कि बिहार पुलिस की 1 अक्टूबर को हुई भर्ती परीक्षा में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी साथ ही पेपर भी लीक हुआ था जिसके बाद ये परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. जांच के दौरान इस केस में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं.
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