स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी चुनौतियां बरकरार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत ने आजादी के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज हमारे देश में दो लाख सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 750 जिला अस्पतालों और 550 मेडिकल कालेजों का विस्तृत नेटवर्क है। डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 15 से 20 गुना हो चुकी है। भारत में प्रशिक्षित डाक्टरों एवं नर्सो की दुनियाभर में मांग है। ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा व कई पश्चिम एशियाई देशों में स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ भारतीय ही हैं।
भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है
भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है। यहां उच्च गुणवत्ता व कम लागत वाली दवाएं व वैक्सीन बनाई जाती हैं। इनसे दो तिहाई निम्न एवं मध्य आय वर्ग वाले देशों की जरूरत पूरी होती है। भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए भी लोकप्रिय हुआ है।
उपलब्धियों के बावजूद स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बरकरार
इन उपलब्धियों के बावजूद स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां समाप्त नहीं हुई हैं। पिछले सात दशक में डायबिटीज, हाइपरटेंशन और अन्य गैर संचारी रोगों का खतरा बढ़ा है। गर्भवती महिलाओं व बच्चों में पोषण की कमी और एनीमिया के मामले बढ़े हैं। टीबी की चुनौती अभी तक बनी हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं तक सबकी पहुंच नहीं है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में जताई गई प्रतिबद्धताएं और आयुष्मान भारत की लांचिंग से स्थिति में सुधार हो रहा है। हालांकि, कोरोना महामारी ने हमें दिखा दिया है कि इतने भर से निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में ज्यादा सुधार की जरूरत
हमें स्वास्थ्य सेवाओं में ज्यादा सुधार की जरूरत है। पहली बात, सरकारों को हर स्तर पर इसे प्राथमिकता में लाना होगा। दूसरी बात, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पदों को भरना होगा, जिससे उनका सही से संचालन सुनिश्चित हो सके। पिछड़े इलाकों में नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने की जरूरत है। इनमें बुखार के इलाज के साथ-साथ कुछ अन्य प्रिवेंटिव व प्रमोटिव स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलनी चाहिए।
तीसरी बात, दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित हो और जांच सुविधाएं व्यापक स्तर पर उपलब्ध हों। चौथी बात, रुटीन व रेफरल कंसल्टेशन के लिए डिजिटल टेक्नोलाजी व टेली कंसल्टेशन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। पांचवीं बात, कोरोना से सीख लेते हुए देश को भविष्य में किसी संभावित महामारी से लड़ने के लिए तैयारी को मजबूत करना होगा। इसके लिए निगरानी व्यवस्था बेहतर करनी होगी और प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाना होगा। जरूरी क्षेत्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी।
श में कोरोना महामारी का कहर अब पहले से काफी कम हो गया है। देश में लगातार चौथे दिन कोरोना के मामले घटे हैं। देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 18 हजार मामले सामने आए हैं। इस दौरान 200 से कम लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में 18,132 नए कोरोना मामले सामने आए। इस दौरान 193 कोरोना मरीदों की मौत हो गई है। वहीं 24 घंटे में 23,624 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं।
देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति
कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक देश में कुल तीन करोड़ 39 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 4 लाख 50 हजार 782 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये है कि अबतक 3 करोड़ 32 लाख 93 हजार 478 लोग ठीक भी हुए हैं। देश में कोरोना एक्टिव केस की संख्या करीब दो लाख है। कुल 2 लाख 27 हजार 347 लोग अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
केरल में आए 10 हजार नए मामले
केरल में रविवार को कोविड के 10,691 नए मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 47 लाख 85 हजार से ऊपर पर पहुंच गयी है. जबकि राज्य में महामारी से 85 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद बढ़कर 26 हजार से पार हो गई है। केरल में पांच अक्टूबर को 9,735 नए मामले सामने आए थे, जिसके बाद यह छह अक्टूबर को बढ़कर 12,616 हो गए थे। राज्य में सात अक्टूबर को 12,288 नए मामले सामने आए और आठ अक्टूबर को यह घटकर 10,944 हो गए।
कोरोना के कुल मामले- तीन करोड़ 39 लाख
कुल एक्टिव केस- दो लाख 27 हजार 347
कुल मौत- चार लाख 50 हजार 782
कुल टीकाकरण- 95 करोड़ 19 लाख 84 हजार 373
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