भक्ति की शक्ति से ईश्वर भी वश में हो जाता है-गोविंद दास जी
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के रानीपुर गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के दूसरे दिन सुप्रसिद्ध कथावाचक गोविंद दास जी महाराज ने मोक्ष से संदर्भित कथा सुनाया। उन्होंने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि ये आशक्ति ही सुख दु:ख का कारण है। यदि संसार में ये आशक्ति है, तो वह दु:ख का कारण बन जाती है।
यही अशक्ति भगवान और उनमें भक्ति में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुल जाता है। उन्होंने सती प्रसंग ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए प्रभु चरित्र का वर्णन किया।उन्होंने कहा कि विष्णु पुराण में भक्त ध्रुव की कथा आती है,जिसने इस बात को सिद्ध किया किया कि कैसे एक नन्हा-सा बालक भी दृढ़ निश्चय और कठोर तपस्या के बल पर भगवान को धरती पर आने को विवश कर सकता है।
उन्होंने बताया कि उनके शील गुण से प्रसन्न होकर भगवान ने प्रभुजी को उनकी रूचि के अनुसार दस हजार कानों की शक्ति प्राप्त करने का वरदान दिया, जिससे वे अर्धनिश प्रभु का गुणगान सुनते रहें। इसके बाद ऋषभ देव के चरित्र वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य को ऋषभ देव जी जैसा आदर्श पिता होना चाहिए।
जिन्होंने अपने पुत्रों को समझाया कि इस मानव शरीर को पाकर दिव्य तप करना चाहिए, जिससे अंत: करण की शुद्धि हो तभी उसे अनंत सुख की प्राप्ति हो सकती है। भगवान को अर्पित भाव से किया गया कर्म ही दिव्य तप है। इस मौके पर कथा आयोजक बलिराम दास जी महाराज, रामेश्वर यादव, संजय रानीपुरी,प्रभु जी,विमल यादव,गोरख यादव,पैक्स अध्यक्ष बलराम यादव, मुरली यादव, अनिल यादव, विजय यादव,पवन कुमार, धनंजय कुमार, राहुल कुमार, अमरजीत कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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