यूट्यूबर भी बिना सहमति के नहीं कर सकते रिकॉर्डिंग
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी VIDEO लीक केस में आरोपी लड़की के खिलाफ IT एक्ट और दूसरों की प्राइवेसी भंग करने का आरोप लगा। फिलहाल उस लड़की और दो लड़कों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब आगे की जांच की जा रही है।
इन 4 पॉइंट को समझ लीजिए
- राइट टु प्राइवेसी- आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में किसी दूसरे का दखल न देना ही राइट टु प्राइवेसी है। यह हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। आपकी या हमारी जिंदगी में कुछ प्राइवेसी यानी निजी पल और चीजें हैं, उसमें कोई और दखल नहीं दे सकता।
- डिग्निटी- हम किसी अनजान व्यक्ति का वीडियो या फोटो लेकर वायरल कर दें, तो ये कानून की नजर में अपराध होगा। ऐसा करने से उस व्यक्ति की डिग्निटी यानी सम्मान को ठेस पहुंचेगी। भारत के हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।
- सोशल हार्म- किसी व्यक्ति का वीडियो या फोटो वायरल करने पर उसका मान-सम्मान गिरता है, तो यह भी अपराध है।
- एम्बैरेसमेंट– किसी को वीडियो या फोटो के जरिए मानसिक या किसी भी तरीके से एम्बैरेस करना यानी शर्मिंदा करना गलत है।
अगर कोई आपका वीडियो या फोटो वायरल कर दे, तो इन 5 स्टेप्स को फॉलो करें
- अक्सर लोग डर जाते हैं और आत्महत्या की कोशिश करते हैं, ऐसा न करें
- परिवार को पूरी बात बताएं, वो गुस्सा करेंगे, लेकिन वही मदद भी करेंगे
- वायरल वीडियो या फोटो का स्क्रीनशॉट जरूर लें या उसे सेव कर लें
- किसी सोशल मीडिया साइट पर आपको टैग किया गया है, तो खुद को अनटैग करें
- पर्टिकुलर वेबसाइट पर जाकर वीडियो या फोटो डिलीट करने के लिए कम्प्लेन करें.
- भारत के लोगों ने 2019 में 500 करोड़ रुपए की एंटीबायोटिक्स खाई हैं। हाल ही में आई द लैंसेट की रिपोर्ट इसका जिक्र किया गया है। साथ ही यह भी सामने आया है कि भारत में लोग बिना सोचे-समझे खुद से भी दवाइयां लेते हैं और इनसे होने वाले नुकसानों पर ध्यान ही नहीं देते। यह बात सच है। एक बार यह सोचकर देखिए कि पिछली बार कब आपने एंटीबायोटिक्स ली थी। सर्दी-खांसी होने पर पास के मेडिकल शॉप से ली थी या घर पर रखी ले ली थी। एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा किया था या नहीं, यह भी याद नहीं।