पूज्य राजन जी से हर मुलाकात आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर जाती है
जीवन के हर आयाम को सकारात्मकता से संजोने का संदेश दे गए सीवान पधारे पूज्य राजन महाराज
✍️गणेश दत्त पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विश्व प्रसिद्ध कथावाचक, दुनियाभर में अपने सुमधुर आवाज से श्री राम कथा का संदेश पहुंचाने वाले पूज्य राजन जी महाराज से हर मुलाकात आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर जाती है। मंगलवार को मेरी दूसरी बार मुलाकात सनातन संस्कृति न्यास द्वारा होटल शफायर इन में आयोजित राम कथा आयोजन समिति की बैठक में हुई। उनसे डिजिटल मुलाकात का मेरा सफर तो वर्षों पुराना रहा लेकिन पिछले एक साल में मेरी उनसे दो बार मुलाकात हो चुकी है। उनसे होने वाली हर मुलाकात जीवन को शाश्वत संदेश देती है। बस महसूस होता है सियाराम मय सब जग जानी।
पूज्य राजन जी महाराज श्री राम कथा को जीवन की आचार संहिता, भाव संहिता और संसार संहिता जब बताते हैं तो उनका सीधा सा मतलब यह समझाना होता है कि जीवन को सबसे सटीक मार्गदर्शन प्रभु श्रीराम के चरित्र से ही मिलता है। पूज्य राजन जी महाराज बल देकर कहते हैं कि जिंदगी में अगर समस्याएं नहीं आएं तो फिर जिंदगी की सुंदरता क्या? ऐसा नहीं की हम पूजा पाठ , कथा श्रवण करेंगे तो हमारे जिंदगी में समस्याएं नहीं आएंगी।
समस्याएं जिंदगी में आनी ही है, वे आएंगी ही। लेकिन श्रीराम कथा श्रवण से सृजित आध्यात्मिक ऊर्जा आपके मन को स्थिर रखती है। विपरित परिस्थितियों में मन की चंचलता ही परेशानी का कारण होती है। मन अगर स्थिर है तो फिर चुनौतियां आपको परेशान नहीं कर सकती है।
वार्तालाप के क्रम में अपने जीवन प्रसंग पर चर्चा करते हुए विश्वप्रसिद्ध कथावाचक का बेहद निर्मल स्वरूप उस समय उजागर हो गया। जब वे अपने स्वर्गवासी पिता के पुण्य प्रताप के पावन स्मृति को नमन करते उनके धीमे हुए स्वर और छलकती आंखें केवल संदेश ही नहीं दे रही थी अपितु उस पिता को सविनय श्रद्धांजलि भी दे रही थी, जो जीवनभर सत्कर्मों के माध्यम से परिवार को मजबूत सनातनी संस्कारों से समृद्ध करते रहे।
पंडित राजन जी महाराज, जो आज पूरे विश्व में श्री राम कथा के माध्यम से सनातन संस्कृति के शाश्वत सिद्धांतों का संचार कर रहे हैं निश्चित तौर पर उनके पिता के पुण्यकर्मों का प्रसाद ही है। इसे भावुक अंदाज में स्वीकार कर आधुनिक पीढ़ी को पिता के सम्मान की सीख भी दे गए राजन जी महाराज।
पूज्य राजन जी महाराज जब अपने जीवन की कहानी बताते हैं तो प्रभु श्री राम की अहैतुक कृपा को याद कर आस्था से भीग जाते हैं। बड़ी बेबाकी से वे स्वीकार कर जाते हैं कि मेरी क्या औकात थी? मुझे तो कथा का क भी नहीं आता था। यह तो गुरु महाराज और प्रभु श्रीराम की अपार कृपा ही है कि मैं श्री राम कथा कहता हूं।
अपने कथावाचन से मोहित कर देने वाले राजन जी महाराज बेहद साफगोइ से स्वीकार कर जाते हैं कि भले ही आज वे विश्वस्तर पर प्रसिद्ध हैं लेकिन अपने गांव के लोगों के लिए वे आज भी राजन ही हैं। व्यक्ति चाहे आसमान में कितना भी ऊंचाई हासिल कर ले लेकिन उसके पैर अगर धरातल पर रहेंगे तो वो काफी सुकून को महसूस करेगा।
पूज्य राजन जी महाराज के सान्निध्य के क्षणिक मंगल पल जब इतनी आध्यात्मिक ऊर्जा सृजित कर जाते हैं तो फिर जरा कल्पना कीजिए उस दौर का जब वे 2मई से 10 मई 2023 तक अपने मुखार बिंदु से गांधी मैदान सीवान में श्री राम कथा का वाचन करेंगे। निश्चित तौर पर आध्यात्मिक तरंगों की सुमधुर और संगीतमय बहार बहेगी। जो हर श्रद्धालु को आस्था से सराबोर कर जाएगी।
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