हरेक बेरिया राम राम गावेला हमार योगिया…
नौ दिवसीय श्री राम कथा के दूसरे दिन पूज्य राजन जी महाराज ने शिव विवाह प्रसंग सुनाकर
श्रद्धालुजनों को किया भावविभोर।
“बिनु सत्संग विवेक न होई।
रामकृपा बिनु सुलभ न सोई।।”
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान नगर के हृदयस्थल और ऐतिहासिक गांधी मैदान में सीवान के स्थापना दिवस के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में नगर में सकारात्मकता और समरसता के संचार के उद्देश्य से आयोजित हो रहे नौ दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन पूज्य राजन जी महाराज ने शिव विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुजनों को भावविभोर कर दिया।
हर हर महादेव के गगनभेदी जयकारे के बीच जब पूज्य राजन जी ने डिम डिम डमरू बजावेला हमार जोगिया भजन गाया तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। शिव विवाह प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने शिव बारात का अद्भुत मनोहारी चित्रण अपने मुखारविंद से प्रस्तुत किया।
इस दौरान पूज्य राजन जी महाराज ने मां की ममता के करुणामई स्वरूप को उजागर करते हुए बताया कि कोई भी छोड़ सकता है लेकिन मां कभी भी अपने संतान को छोड़ नहीं सकती। मां की ममता की महिमा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए मां का सम्मान सदैव करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मित्र, पिता, सदगुरु, स्वामी के निर्देशों को मार्गदर्शक मानना चाहिए। इन चारों के यहां बिना निमंत्रण के भी जाना चाहिए क्योंकि ये हमारे सच्चे हितैषी होते हैं।
पूज्य राजन जी महाराज ने कहा कि कोई व्यक्ति यदि मुखौटा लगा लेता है तो उसके स्वभाव में परिवर्तन नहीं आ जाता है। उसका स्वभाव अपने मौलिक अंदाज में यथावत रहता है।
सतयुग में साधना के लिए कठोर तप बताई गई है, इस युग में मनु महाराज ने 23000 वर्ष तक तपस्या किया। त्रेता युग में यज्ञ प्रारंभ हुई जबकि कलयुग में कोई साधना उपयुक्त नहीं है। इस युग में केवल राम नाम बोला जाए, राम का जाप किया जाए, राम को स्मरण किया जाए। हमारे सामर्थ्य में भगवान को याद करना है वह हमें करना चाहिए भगवान कब आएंगे, यह उनके ऊपर है। भगवान की परीक्षा नहीं वरन प्रतीक्षा करनी चाहिए।
वहीं गांधी मैदान में आयोजित हो रहे श्री राम कथा के दूसरे दिन अतिथि के तौर पर जिला अवर निबंधक तारकेश्वर पांडेय, अपर समाहर्ता सुजीत कुमार, सदर एसडीएम राम बाबू बैठा, अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी अभिषेक चंदन, बड़हरिया के रजिस्ट्रार सुनील कुमार दास,आदि उपस्थित रहे। आगत अतिथियों को पूज्य राजन जी महाराज ने अंग वस्त्र देकर अपने मंगल आशीष से अभिसिंचित किया जबकि राम कथा आयोजन समिति के सह स्वगताध्यक्ष डॉक्टर शरद चौधरी ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
बुधवार को नौ दिवसीय श्री राम कथा के दूसरे दिन यजमान के तौर पर डॉक्टर रामाजी चौधरी,सीवान के हीरमकरियार निवासी व लंदन से आए एनआरआई डॉ. उद्देश्वर सिंह, रूपेश कुमार, विजय जादूगर, दीपक सिंह, आनंद मित्तल,आशुतोष कुमार, प्रदीप श्रीवास्तव,दीपिका श्रीवास्तव, डॉ.आर.पी.सिंह,डॉ रीता सिंह रंजन दास, दीपशिखा दास, सुधांशु कुमार, अंजना देवी, संजय सिंह, रेखा सिंह वीरेंद्र तिवारी, कुसुम देवी आदि शामिल रहे।
जबकि पूरी व्यवस्था को डॉ. राजन कल्याण सिंह, प्रेम कांत यादव, आशुतोष चौबे,आशुतोष कुमार एवं अन्य कई प्रबुद्ध संभाल रहे है। स्काउट व गाइड के कैडट,रानी लक्ष्मीबाई क्लब मैरवा की पूरी टीम सलमा खातून के नेतृत्व में अपनी सेवा तन्मयता के साथ प्रदान कर रही है।
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