पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम से बनाया था फेक वॉट्सऐप अकाउंट, आरोपी आईपीएस अफसर को SC से नहीं मिली बेल
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार के आईपीएस अफसर आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उन पर जूडिशरी को प्रभावित करने के लिए पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर फेक वॉट्सऐप अकाउंट बनाने का आरोप था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
यही नहीं उन्हें दो हफ्ते के भीतर सरेंडर करने का भी आदेश दिया है। आईपीएस आदित्य कुमार की बढ़ी मुश्किलें जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कथित अपराध की गंभीरता और असहयोग के कारण वह अग्रिम जमानत का लाभ पाने के हकदार नहीं हैं। याचिकाकर्ता आदित्य कुमार पर पोस्टिंग में अनुचित लाभ लेने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही रद्द करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचने का आरोप लगा था।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को 9 दिसंबर, 2023 तक शुरू की गई कार्रवाई का सीलबंद लिफाफे में विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। आईपीएस आदित्य पर अपने ऊपर से केस खत्म कराने और बेहतर पोस्टिंग को लेकर अपने अपने दोस्त से पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनकर बिहार के तत्कालीन डीजीपी संजीव सिंघल को फोन करवाने का आरोप है।
कोर्ट का दो हफ्ते में सरेंडर का आदेश
आदित्य कुमार पर जूडिशरी को प्रभावित करने के लिए पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम से फेक वॉट्सऐप अकाउंट बनाने का भी आरोप लगा है। वहीं फर्जीवाड़ा कर शराब कांड को खत्म कराने के एक मामले में भी 15 अक्तूबर, 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने IPS आदित्य कुमार खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी के बाद पुलिस मुख्यालय ने IPS आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था।
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